नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...
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महाराष्ट्र पर न्यौछावर दलहन-तिलहन बीज गांव योजना
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह], नाम राष्ट्र का, काम महाराष्ट्र का। देश को दालों और खाद्य तेलों की किल्लत से बचाने की केंद्र सरकार की दलहन-तिलहन बीज गांव योजना का असल क्रियान्वयन कृषिमंत्री शरद पवार के गृह राज्य में होगा। योजना के तहत सात राज्यों के जिन असिंचित गांवों का चयन किया गया है, उनमें सर्वाधिक 14,400 गांव महाराष्ट्र के हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के केवल 5,400 गांवों को शामिल किया गया है। जबकि मध्य प्रदेश...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »चार प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने की योजना सूबे में लागू: मोदी
पटना किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने की योजना लागू कर दी गयी है। अगर किसान निर्धारित समय सीमा के अन्दर अपना ऋण बैंक को वापस करते हैं तो उन्हें चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्रदान किया जायेगा। ये बातें सोमवार को कृषि विभाग की ओर से वेटेनरी कालेज मैदान में आयोजित कृषि मेला में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहीं। श्री मोदी ने कहा कि किसानों को अल्प ब्याज दर...
More »महंगाई के खिलाफ खोखली पहल
नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...
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