हमारा यह कहना सही है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान और वैश्विक कारोबार में अपनी ऐतिहासिक हिस्सेदारी को फिर से प्राप्त कर रहा है। लेकिन इसके साथ-साथ कुछ अन्य अहम तथ्यों पर गौर करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, गरीबी खत्म करने, जनकल्याण के लिए कुछ मूलभूत सुविधाएं जुटाने और नए खतरों को कम करने की क्षमता अब हमारे भीतर है। यह क्षमता होने के बावजूद हमने...
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दस साल में दोगुनी हुई गाजियाबाद की आबादी
बढ़ते शहरीकरण का असर उत्तर प्रदेश के महानगरों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो गाजियाबाद और लखनऊ की आबादी में भारी बढ़ोतरी हुई है। गाजियाबाद की आबादी इन 10 वर्षो में 13.90 लाख बढ़ी है तो लखनऊ की जनसंख्या में 6.5 लाख का इजाफा हुआ है। गाजियाबाद देश का ऐसा पहला महानगर है जिसकी आबादी इन दस सालों में दोगुनी से भी...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »बीमार व्यवस्था में पिसते गरीब-- सुभाष चंद्र कुशवाहा
आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...
More »पंजाब में शिशु मृत्यु दर में बच्चियां अधिक
नई दिल्ली . पंजाब. शिशु मृत्युदर के मामले में पंजाब पड़ोसी राज्यों से बेहतर है पर यहां प्रसव के दौरान मरने वाले नवजातों में बच्चियों की संख्या ज्यादा है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने जनगणना-2011 में खुलासा किया है कि यहां प्रति हजार डिलीवरी के दौरान औसतन 38 नवजातों की मौत हो जाती है। मरने वाले मासूमों में भी जहां 37 लड़के हैं, वहीं औसतन 39 बच्चियां होती हैं।...
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