SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 290

प्रदूषण मुक्त राज्य का मास्टर प्लान मार्च तक होगा तैयार : धूमल

धर्मशाला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि राज्यों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अगले वर्ष मार्च तक राज्य मास्टर प्लान तैयार कर लिया जाएगा। प्रदेश सरकार राज्यों को कार्बन न्यूट्रल मुक्त राज्य बनाने के लिए पूरी तरह कृतसंकल्प है। धर्मशाला में शीघ्र पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय आरंभ कर दिया जाएगा जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित हो सकें। मुख्यमंत्री यहां राज्यस्तरीय पालीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के शुभारंभ अवसर पर बोल...

More »

पर्यावरण की कीमत पर विकास मंजूर नहीं

बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका विकास और अधोसंरचना को बढ़ावा देने का विरोधी नहीं है, लेकिन यह पर्यावरण को नष्ट किए जाने की शर्त में नहीं होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बालकृष्णन ने आज बिलासपुर च्च्च न्यायालय परिसर में दिवंगत डीपी श्रीवास्तव की स्मृति में पर्यावरण संरक्षण में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर आयोजित व्याख्यान में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा...

More »

चुनार के खेतों में जम रहा है सीमेंट

चुनार। इस क्षेत्र के आसपास किसानों की जमीन बढ़ते प्रदूषण के चलते बंजर होती जा रही है। चुनार की सीमेंट फैक्ट्री के आसपास के दजर्न भर गांव में किसानों साढ़े चार हजर एकड़ जमीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। इन गांवों में बड़े गांव, डुलडुमा, तिरऊलीपुर, बकियाबाद, सोनऊरगंज, जमुहार, नुआंव, मडर्ठपर, छिलहिया, जरहा, चौकिया, मीरपुर जमुई जसे गांव शामिल हैं। इन गांवों के किसानों के खेतों में सीमेंट जम...

More »

हरित क्रांति का जनक

आज हमारे अन्न भंडार भरे हुए हैं। देश ने पिछले साल रेकॉर्ड 73.5 मिलियन टन गेहूं पैदा किया है। अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन ई. बोरलॉग नहीं रहे, पर इसका बहुत कुछ श्रेय उन्हें भी जाता है। भारत और पाकिस्तान समेत कई और विकासशील देशों को अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में उनके द्वारा शुरू किए गए कृषि नवाचारों का योगदान रहा है। साठ के दशक में जब तत्कालीन...

More »

पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close