नयी दिल्ली:केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार मिशन 2014 के तहत गरीबों को लुभाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती. एक अंगरेजी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार सरकार अब गरीबों को लगभग मुफ्त मोबाइल फोन और टैबलेट देने की योजना बना रही है. बताया जा रहा है कि योजना के तहत गरीबों को 2.5 करोड़ मोबाइल व 90 लाख टैबलेट बांटे जायेंगे. योजना पर 7860 करोड़ रु पये...
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खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी
जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...
More »यह गरीबी खत्म करने की रेखा नहीं- मिहिर शाह(योजना आयोग के सदस्य)
गरीबी के बारे में योजना आयोग के नवीनतम आकलन पर बड़ी चीख-पुकार मची। यह हाय-तौबा जितनी तेज थी, समझ और विवेक उसी अनुपात में कम। सबसे निंदनीय थे वे राजनेता, जिन्होंने आम आदमी को चोट पहुंचाने वाली बातें कहीं। जरूरी यह है कि हम ये समझने का प्रयास करें कि सुरेश तेंदुलकर की गरीबी रेखा वास्तव में क्या बताती है? सुरेश तेंदुलकर देश के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक थे। उन्हीं...
More »कभी स्वर्ग, आज वीरान!- हरिवंश
वेतन लाखों में हो गये. लेकिन वेतन बढ़ने से वास्तविक उत्पादन या आय पर क्या असर हुआ, इसे जांचने का कोई विश्वसनीय मेकेनिज्म नहीं है. अमेरिका के डेट्रायट शहर में यही हुआ. पेंशन का बोझ बढ़ता गया. रिटायर लोगों की पेंशन, नये नियुक्त लोगों की तनख्वाह से कई गुना अधिक. ऊपर से शहर की सरकार ने बाहर से कर्ज लेना जारी रखा. कर्ज अगर भोग-विलास के लिए लिया जाये, तो दुर्दशा...
More »आरटीआई में बदलाव की कोशिश से जनता में रोष
सूचना के अधिकार कानून के घेरे में राजनीतिक पार्टियों को लाने के केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले को पलटने के लिए यूपीए सरकार इस कानून में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। सरकार के इस कदम की जनता में व्यापक आलोचना जारी है और लोग इस सरकारी पहल के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। (इस मसले को विस्तार से जानने के लिए कृपया नीचे दी गई लिंक को चटकायें)...
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