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गुजरात सरकार का तौकते राहत पैकेज प्रवासी मछुआरों की वास्तविकताओं से परे है

-द वायर, मई के महीने में भारत के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते तौकते चक्रवात ने गुजरात में तबाही मचा दी थी. राज्य के मत्स्य व्यवसाय को इसके चलते अनुमानतः 160 करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा. हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि असल नुकसान इससे कई गुना ज्यादा है. गुजरात सरकार द्वारा मछुआरों के साथ-साथ उनकी नावों एवं उपकरणों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 105 करोड़ रुपये का...

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नमामि गंगे परियोजना के काम में मैला ढोने से हुई मौत लेकिन न मिला मुआवजा, न हुआ मामला दर्ज

-कारवां, इस साल मई में पटना के बेउर इलाके में केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना में काम करते हुए दो मजदूरों की गटर में घुसने के बाद मौत हो गई. वहां काम करने वाले तीन मजदूरों के मुताबिक उन्हें आवश्यक बचाव उपकरणों के बिना ही गटर में घुसने को कहा गया था. एक मजदूर ने मुझे बताया कि लार्सन एंड टुब्रो, जिसके पास बेउर साइट का ठेका है, के इंजीनियर ने...

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हरियाणा सरकार का दावा, उनके राजस्व रिकॉर्ड में ‘अरावली’ नाम का कोई शब्द नहीं है

-द वायर, कानूनी एवं पर्यावरणीय विशेषज्ञों ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि हरियाणा सरकार द्वारा अरावली पहाड़ियों को फिर से परिभाषित करने और फरीदाबाद में करीब 20,000 एकड़ की भूमि को ‘विकास कार्यों’ के लिए खोलने की इजाजत देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. हरियाणा सरकार की एक समिति ने अधिकारियों को केंद्र की 1992 की अधिसूचना के आधार पर अरावली के तहत आने वाले क्षेत्रों...

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जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए : सज्जाद लोन

-कारवां, सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष हैं. लोन के पिता अब्दुल गनी ने 1978 में पार्टी की स्थापना की थी. 2002 में संदिग्ध आतंकवादियों ने उस वक्त अब्दुल गनी की हत्या कर दी जब वह एक अन्य कश्मीरी नेता की स्मृति सभा में भाग ले रहे थे. लोन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की कमान संभाली. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में लोन ने स्वतंत्र...

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दलहन के पारंपरिक किसानों का समर्थन करने से मिल सकती है दालों की आत्मनिर्भरता

-डाउन टू अर्थ, दालों की जमाखोरी हमेशा महंगाई लेकर आती है। दालों की महंगाई जमाखोरी का एक संकेतक बन गई है। शायद इसी भय से बीच-बीच में कानून में फेरबदल और बदलाव होते हैं। स्वतंत्र व कानून मामलों की शोधार्थी व नीति विशेषज्ञ शालिनी भुटानी का यह आलेख इन्हीं परेशानियों की तहें खोल रहा है :  भारत सरकार स्पष्ट रूप से जमाखोरी को लेकर चिंतित है, जो ऐसे समय में दालों की...

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