बड़ा फर्क है गांधी और आंबेडकर की सोच में बसे गांव के बीच. गांधी के गांव में हिंसा है ही नहीं. गांधी की कल्पना में बसते गांव में भूमिहीन और भूस्वामी बिना झगड़े के रहते हैं. गांधी से किसी ने पूछा- बताइए, गांव के भूमिहीन और भूस्वामियों के बीच कैसे बराबरी स्थापित होगी? उनका जवाब था- भूस्वामी स्वयं ही अपनी भूमि पर दावा छोड़ भूमिहीनों की मदद के लिए आगे...
More »SEARCH RESULT
दिल्ली में विकलांगों के लिए नहीं हैं जनसुविधाएं...!
राष्ट्रीय राजधानी में करीब 25 लाख लोग विकलांग हैं और शहर में शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए 100 सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश या तो काम नहीं कर रहे हैं या उसे अस्थायी स्टोरहाउस के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। यह जानकारी एक सर्वेक्षण में सामने आई। विकलांगों के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) सामर्थ्यम ने यह सर्वेक्षण किया है।...
More »जन-धन योजना के बाद अब सरकार की घर-घर बीमा उत्पाद पहुंचाने की तैयारी- प्रशांत श्रीवास्तव
नई दिल्ली। मोदी सरकार सभी के बैंक खाते खोलने के अभियान जन-धन की तरह अब बीमा उत्पादों को भी घर-घर पहुंचाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ऐसे बीमा उत्पाद लांच करने की कोशिश में हैं, जिस पर आम आदमी को बहुत कम प्रीमियम देना पड़े। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) बीमा कंपनियों के साथ मिलकर नए तरह के उत्पाद डिजाइन करने की कवायद शुरू भी कर चुका...
More »मनरेगा - क्या जीविका के अधिकार को सीमित किया जा सकता है?
राजनीति का सामान्य विद्यार्थी जानता है कि अधिकार अपने स्वभाव में सार्विक होते हैं। लेकिन क्या वह यह अनुमान लगा सकता है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कोई सरकार अपने बहुमत के बूते किसी सार्विक अधिकार का दायरा चंद लोगों तक सीमित कर सकती है ? महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल की केंद्र सरकार की हालिया योजना जीविका के सार्विक अधिकार का दायरा सीमित करने की...
More »भारत में भूखों की संख्या घटी, पाक में बढ़ी
नयी दिल्ली : भूख की मार झेल रहे लोगों की संख्या भारत में 9.5 प्रतिशत घट कर 19.07 करोड़ पर आ गयी, जो दो दशक पहले 21.08 करोड़ थी. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसे लोगों की संख्या इस अवधि में 38 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. हालांकि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक भूखे लोगों के मामले में भारत (19.07 करोड)...
More »