आने वाला साल महिलाओं के लिए अच्छी खबर लेकर आएगा। उनका मातृत्व अवकाश 26 हफ्ते तक बढ़ने वाला है। पहले यह मात्र 12 हफ्ते का था। महिला एवं शिशु विकास मंत्रालय की मानें तो इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत सभी कामकाजी महिलाएं लाभान्वित होंगी, भले ही वह संगठित हो या असंगठित। श्रम मंत्रालय की ओर से इस आशय के फैसले को हरी झंडी मिल चुकी है। हालांकि मंत्री...
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असल मुद्दों से डगमगाते रहे पूरे साल - मृणाल पांडे
साल 2015 विदा हो रहा है। इस साल भी हमारे नेता, अभिनेता, प्रतिपक्ष और समाज के पुरोधा असली मुद्दों पर कम, प्रतीकों के गिर्द ही अपनी नीतियां और रणनीतियां गढ़ते, झगड़ते रहे। ध्यान का केंद्र चाहे असेंबली चुनाव हों, या महिला सुरक्षा, बिगड़ते पर्यावरण से जुडे बाढ़-सुखाड़ हों अथवा सार्वजनिक परिवहन या विदेश नीति, जिस तरह उन पर संसद के भीतर-बाहर और टीवी पर्दों पर टकराव हुए, तलवारें चलीं, लगा...
More »न स्टाफ, न मशीनें, कैसे मिले इलाज
पटना : राजधानी के बेहतर सरकारी अस्पतालों में मशहूर गार्डिनर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हो गयी हैं. यह स्थिति तब है, जब इसे सरकार ने नेशनल क्वालिटी और स्टैंडर्स अभियान के तहत चुना है. लेकिन, यहां इलाज कराने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है या फिर आधे-अधूरे इलाज से ही काम चलाना पड़ता है. दवा, डॉक्टर और आधुनिक मशीनों की कमी के चलते...
More »दो रुपए की बचत ने छीन ली 43 लोगों की आंख की रोशनी
संदीप चंसौरिया/शशिकांत तिवारी, भोपाल। बड़वानी में जिस संक्रमित आईवी फ्लूड के कारण 43 लोगों की एक आंख की रोशनी चली गई, वह बीएफएस (ब्लो फिल्ड शील्ड) प्लास्टिक की बॉटल में भरा होता है। इस बॉटल की कीमत आठ रुपए है, जबकि इससे महज 2 रुपए महंगी 10 रुपए की एफएफएस (फॉर्म फिल्ड शील्ड) में भरे आईवी फ्लूड के संक्रमिक होने का खतरा कई गुना कम हो जाता है। बड़वानी घटना की...
More »मौलिक अधिकार से वंचना क्यों?- पवन के वर्मा
मेरी दृष्टि में जान-बूझ कर बड़ी चालाकी से भारत के संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. संविधान सभा में लंबी बहसों के बाद हमारे राष्ट्र-निर्माताओं ने भारत को सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार देने का निर्णय किया था. इसका अर्थ यह है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिक मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं. इसी तरह यह अधिकार भी दिया गया कि योग्य आयु का...
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