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खाद्य-सुरक्षा: बदले बदले से सरकार नजर आते हैं- चंदन श्रीवास्तव

शांता कुमार की अगुवाई में बीते अगस्त में बनी उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में तीन ऐसी सिफारिशें की हैं, जो सीधे-सीधे खाद्य-सुरक्षा अधिनियम यानी भोजन का अधिकार कानून में प्रदान की गयी हकदारियों पर चोट करती हैं. केंद्र सरकार सोचती है कि लोक-कल्याण की योजनाओं में भ्रष्टाचार होने से कुछ अच्छा होता है, तो भ्रष्टाचार अच्छा है. योजनाओं में भ्रष्टाचार का होना सरकार को चलती हुई योजनाओं से हाथ खींचने...

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विकास दर और जीवन स्तर- एम के वेणु

जग सरकार का पहला पूर्ण बजट गंभीर वैश्विक मंदी की पृष्ठभूमि में तैयार किया जा रहा है। यूरोजोन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बृहस्पतिवार को ही यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 13 खरब डॉलर के आपूर्ति कार्यक्रम की घोषणा की है। जापान की अर्थव्यवस्था भी लुढ़क रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई का योगदान करने वाली चीन की अर्थव्यवस्था भी खास्ता है। ब्रिक्स समेत तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाएं,...

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अर्थव्‍यवस्‍था का खाका होगा तैयार, नीति आयोग की बैठक आज

नई दि‍ल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नीति अयोग' की बैठक में प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ देश की आर्थिक स्थित पर चर्चा करेंगे। कल होने वाली इस बैठक में अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने पर मंथन होगा। करीब 65 वर्ष पुराने योजना आयोग के स्थान पर नवगठित नीति आयोग के साथ मोदी की यह पहली बैठक होगी। नीति‍ आयोग को 1 जनवरी, 2015 को योजना आयोग की जगह बनाया गया है। मोदी की देश...

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मशहूर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज का अध्ययन, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और बिहार आदर्श

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के मुद्दे पर मशहूर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा का एक अध्ययन हाल ही में मशहूर पत्रिका ‘इकॉनोमिक एंड पॉलिटिकल वीकली' में प्रकाशित हुआ है, जो बताता है कि तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, बिहार और ओड़िशा में पीडीएस में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. अर्थशास्त्रियों ने माना है कि लीकेज से संबंधित सरकारी आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर पेश किये गये हैं. पढ़ें इस मुद्दे पर एक टिप्पणी. ज्यां द्रेज...

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लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी

बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...

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