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सूखे का साया

आखिरकार भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली। उसने इस साल मानसून के कमजोर रहने का अंदेशा जताया था। तब वित्तमंत्री ने कहा था कि घबराने की बात नहीं है, हो सकता है मानसून संबंधी पूर्वानुमान गलत निकले। दरअसल, वित्तमंत्री को बाजार की चिंता सता रही थी और वे निवेशकों को आश्वस्त करना चाहते थे कि सब कुछ ठीकठाक रहेगा। पर अब मौसम संबंधी पूर्वानुमान पहले से कहीं अधिक वैज्ञानिक...

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मुझे मिली एक मदद, मैं करूंगा दस की

बात उस समय की है, जब एक 14 वर्षीय बच्चे एन शिव कुमार के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखना मुश्किल हो रहा था. आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल में 15 हजार रुपये जमा करना जरूरी हो गया था. बेहतर शिक्षा देने की हर संभव कोशिश में मां ने अपने जेवर बेच कर किसी तरह शिव को आइसीएससी के स्कूल में दाखिला करा तो दिया था. पिताजी एक लॉरी...

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यूरोप में पानी से भी सस्‍ता बिक रहा है दूध

ब्रिटेन। यूरोप में दूध की गंगा बह रही है। बोतलबंद पानी से भी सस्‍ता मिल रहा है दूध। मगर, इसका कारण वहां की समृद्धि नहीं है। इसके उलट चीन और रूस में यूरोपीय दूध की मांग कम होने से वहां दुग्‍ध उत्‍पादकों में हड़कंप मच गया है। उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है और इसके चलते यूरोपीय देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। दरअसल, रूस ने आयात पर प्रतिबंध...

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यूरोप में पानी से भी सस्‍ता बिक रहा है दूध

ब्रिटेन। यूरोप में दूध की गंगा बह रही है। बोतलबंद पानी से भी सस्‍ता मिल रहा है दूध। मगर, इसका कारण वहां की समृद्धि नहीं है। इसके उलट चीन और रूस में यूरोपीय दूध की मांग कम होने से वहां दुग्‍ध उत्‍पादकों में हड़कंप मच गया है। उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है और इसके चलते यूरोपीय देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।दरअसल, रूस ने आयात पर प्रतिबंध...

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खस्ताहाल बैंकों के साथ कैसे होगा विकास - धर्मेंद्रपाल सिंह

अब तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी मान लिया है कि सार्वजनिक बैंकों की हालत बेहद खस्ता है। इस साल मार्च तक कर्जदारों के पास देश के सभी बैंकों का 30.9 खरब रुपया फंसा पड़ा था, जिसमें अकेले सार्वजनिक बैंकों के 26.7 खरब रुपए हैं। उनका नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) खतरनाक सीमा पर खड़ा है। खस्ताहाल बैंकों में प्राण फूंकने के लिए कुछ समय पहले वित्त मंत्री ने चार...

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