मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को आड़े हाथों लिया है। उन्हें चुनौती देते हुए पूछा कि वे बताएं कि महंगाई कम कैसे है। राजन बोले कि यह आरोप कि सिर्फ महंगाई को काबू में लाने पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है न कि आर्थिक विकास दर पर, इस तरह की आलोचना बेकार है। राजन पर ग्रोथ की बजाय महंगाई पर ज्यादा फोकस करने का...
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शहरीकरण की विसंगतियां--- रमेश कुमार दूबे
शहरीकरण को लेकर सरकार का नजरिया यह है कि इस पर सियापा करने के बजाय इसे मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। उसके मुताबिक शहरों में गरीबी दूर करने की ताकत होती है और हमें इस ताकत को और आगे बढ़ाना चाहिए ताकि आर्थिक समृद्धि का स्वत: प्रसार हो। सुख-सुविधाओं की मौजूदगी के चलते शहर सदा से मनुष्य के आकर्षण के केंद्र रहे हैं। आज की तारीख में तो ये...
More »सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »क्यों जीएसटी है सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
नई दिल्ली। अरविंद सुब्रमणियन समिति की रिपोर्ट और जदयू व बसपा जैसे विपक्षी दलों के समर्थन में आने के बाद अब जीएसटी की राह आसान होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर तमाम अर्थविद इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार मान रहे हैं। आखिर जीएसटी का लागू होना सबसे बड़ा आर्थिक सुधारवादी कदम कैसे होगा। जानकारों की मानें तो जीएसटी का सबसे बड़ा...
More »उत्पादन में रोबोट का बढ़ रहा है दखल, जॉब्स पर असर..
उत्पादन की प्रक्रियाओं में रोबोट के बढ़ते दखल से दुनियाभर में जॉब्स को लेकर चिंता बढ़ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी पिछले दिनों इस संबंध में चिंता जता चुके हैं. अनेक वैश्विक संस्थाएं लगातार इसका अध्ययन कर रही हैं और उनकी रिपोर्ट बताती है कि वाकई में भविष्य में अनेक प्रकार के इनसानी जॉब्स पर रोबोट के हावी होने का खतरा बढ़ रहा है....
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