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राज्यों को मिलेगा 22,700 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व

मुंबई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट और कच्चा तेल महंगा होने से भले ही पेट्रोल व डीजल की मूल्य वृद्धि से आम जनता परेशान हो लेकिन राज्यों को इसका भरपूर फायदा मिल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार राज्यों को उनके बजट अनुमान के मुकाबले 22,700 रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है। एसबीआई रिसर्च ने अपने एक नोट में कहा है कि कच्चे तेल का मूल्य...

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पत्रकारिता और नैतिकता- मृणाल पांडे

कई दूसरे शब्दों की तरह पिछले सालों में नैतिकता शब्द का भी घोर अवमूल्यन हुआ है. आज किसी भी काम के साथ इस शब्द के जुड़ते ही उससे एक पाखंडी बड़बोले उपदेशक के नक्की प्रवचन की ध्वनि कानों में रेत की तरह किरकिराने लगती है. शायद इसी वजह से जो नेकनीयत पत्रकार पेशे को समर्पित हैं, वे भी सच्चे तथा फेक, संदर्भयुक्त या संदर्भ से काटे गये समाचारों के संकलन...

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किसानों की आमदनी में सालाना बढ़वार सिर्फ 5.6 फीसद- नाबार्ड की नई रिपोर्ट

हाल के सालों में खेतिहर परिवारों की आमदनी में किस रफ्तार से बढ़ोत्तरी हुई है ? अगर इस सवाल का जवाब एकदम नये तथ्यों के सहारे जानने चाहते हों तो राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) की एक हालिया रिपोर्ट आपके काम की साबित हो सकती है.   इस रिपोर्ट का नाम है नाबार्ड ऑल इंडिया रुरल फायनेन्शियल इन्क्लूजन सर्वे 2016-17 यानि संक्षेप में कहें तो एनएएफआईएस 2016-17 और इस रिपोर्ट का आकलन है कि...

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20 साल में 60% एक्वीफर हो जायेंगे खाली फिर कैसे मिलेगा हर खेत को पानी ?

हर खेत को पानी मिले, बेशक यह सोच नेक है लेकिन इस नेक सोच को एक कारगर नीति में कैसे बदलें ? राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सभागार में बीते 27 अगस्त को आयोजित नेशनल वाटर कांफ्रेंस में इस मसले पर कई जरुरी सवाल सामने आये.   केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, योजना आयोग के पूर्व सदस्य मिहिर शाह, केंद्रीय जल आयोग तथा नीति आयोग के सदस्यों समेत देश की...

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न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

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