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अदाणी को पीएम मोदी ने दिलवाया 6200 करोड का ऋण : कांग्रेस

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी को घेरने का प्रयास किया है. कांग्रेस की ओर से एक प्रेस-वार्ता में पार्टी के नेता अजय माकन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी हितों के लिए स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया से अपने सामने अदाणी समूह को 6200 करोड़ रुपये का ऋण दिलवाया. पूरी तैयारी के साथ मीडिया के सामने आये माकन ने...

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पीएसयू बैंकों की ग्रामीण शाखाएं अगले पांच साल में आ जाएगी लाभ में

  नेटवर्क विस्‍तार करने के साथ ही प्रति ब्रांच अधिक कारोबार होने और लो-कॉस्‍ट चैनल जैसे बिजनेस करेसपोंडेंट्स का इस्‍तेमाल करने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ग्रामीण ऑपरेशन अगले पांच सालों में फायदे में आ जाएगा। यह बात सोमवार को क्रिकेट रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी बैंकों का ग्रामीण ऑपरेशन मामलू फायदे में है, जबकि सार्वजनिक बैंकों को ग्रामीण इलाकों में...

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बिना विंडो पीरियड टेस्ट चढ़ाया जा रहा लाखों मरीजों को खून

रायपुर (निप्र)। प्रदेश में वे लाखों जानें खतरें में हैं, जिन्हें किसी न किसी वजह से खून चढ़ाया जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें जिन व्यक्ति का खून चढ़ाया जा रहा है, उस व्यक्ति का सिर्फ एचआईवी टेस्ट हुआ है, न कि विंडो पीरियड टेस्ट। रायपुर अंबेडकर अस्पताल स्थित प्रदेश के सबसे बड़े ब्लड बैंक मॉडल के साथ-साथ किसी भी सरकारी, गैर सरकारी ब्लड बैंक में इस टेस्ट की...

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विदेश से ज्यादा देश में ही है काला धन- मोहन गुरुस्वामी

काला धन, दरअसल, हर वह आय है, जिस पर राज्य को किसी तरह का कर (टैक्स) नहीं दिया जाये. यह आय वैध तरीकों से हो सकती है या फिर अवैध तरीकों से, जैसे स्मगलिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स के जरिये. सालाना कितना काला धन पैदा होता है, इसका आंकड़ा हर साल अलग-अलग होता है. हालांकि, एक बहुप्रसारित, पर कथित तौर पर गोपनीय अध्ययन (जो नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी...

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बढ़ते संसाधन घटता ज्ञान - शंकर शरण

जनसत्ता 11 नवंबर, 2014: एक समय था जब देश के जिला केंद्र ही नहीं, अनेक कस्बों में भी भाषा, गणित और विज्ञान के ऐसे शिक्षक होते थे जिनकी स्थानीय ख्याति हुआ करती थी। यह दो पीढ़ी पहले तक की बात है। तब विद्यालयों के पास संसाधन कम थे और शिक्षकों का वेतन भी बहुत कम था। स्कूल के कमरे, मामूली कुर्सी, बेंच, पुस्तक, छात्र और शिक्षक, यही तत्त्व शिक्षा-परिदृश्य बनाते...

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