दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से लौटने के बाद अब विभिन्न देशों ने ‘क्या खोया- क्या पाया’ का आकलन शुरू कर दिया है। ऐसे में हम पाते हैं कि पर्यावरणीय चिंता के वैश्विक सवाल पर यूरोपीय संघ जहां विजेता की मुद्रा में है, वहीं हमारा देश ‘अड़ियल’ का खिताब लेकर लौटा है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन समझौते के अंतर्गत 1992 में ब्राजील के रियो...
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एक सच के साथ तीन झूठ - सुनील
पिछले बीस सालों से विदेशी पूंजी की खुशामद में जन-हित और राष्ट्र-हित की बलि चढ़ाई जा रही है. भारत की सरकारें अमेरिका-यूरोप के बहुराष्ट्रीय हितों के दलालों की तरह बर्ताव कर रही है. खुदरा व्यापार में विदेशी कंपनियों को इजाजत देने पर हुए विवाद पर सफ़ाई में प्रधानमंत्री ने कहा कि फ़ैसला बहुत सोच-समझ कर लिया गया है. प्रधानमंत्री की इस बात में सच्चाई है. यह कोई एकाएक लिया फ़ैसला नहीं है....
More »काले धन पर श्वेत पत्र लाएगी सरकार: प्रणब
नई दिल्ली, 15 दिसंबर। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में भरोसा दिया कि सरकार विदेश में जमा भारतीयों के काले धन से संबंधित सभी जानकारियों के साथ जल्द एक ‘श्वेत पत्र’ लाएगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समझौतों का ब्योरा देते हुए ऐसे भारतीय खाताधारकों के नामों को सार्वजनिक करने में सरकार की असमर्थता जताई। साथ ही यह आश्वस्त किया कि विभिन्न देशों से अब तक इस बारे में जो भी नाम...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
More »मंदी की आहट- परंजय गुहाठाकुर्ता
देश की अर्थव्यवस्था जिस तेजी से नीचे जा रही है, उसके कई निहितार्थ हैं। अभी डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड गिरावट तक पहुंच गया है। गिरते-गिरते रुपया पहली बार ५३ के स्तर तक पहुंचा है। औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) भी गिरकर अक्तूबर में -५.१ प्रतिशत पर आ गया है। औद्योगिक उत्पादन में शामिल सभी क्षेत्रों में कमोबेश गिरावट देखी गई है। इतना ही नहीं, इस वर्ष देश का...
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