जनसत्ता 8 नवंबर, 2012: बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बेचैनी रोज-रोज की परेशानी से जूझते हुए पैदा हुई है। खास लोगों की बेचैनी सत्ता-सुख गंवाने के डर से उपजी है। विरोध में उठे हाथ गुस्से में हैं। गुस्सा जीने का हक मांग रहा है। सत्ता को यह बर्दाश्त नहीं है तो वह गुस्से में उठे हाथों को चिढ़ाने के लिए और ज्यादा गुस्सा दिलाने पर आमादा है। गुस्सा...
More »SEARCH RESULT
25 हजार करोड़ के आईटी निर्यात में गुडग़ांव का हिस्सा 90 फीसदी
गुडग़ांव. आर्थिक मंदी के बावजूद 2011-12 के दौरान हरियाणा से आईटी(सूचना प्रौद्योगिकी) निर्यात लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। इसमें गुडग़ांव का हिस्सा 90 प्रतिशत है। आईटी निर्यात में हरियाणा ने उससे पिछले वर्ष की अपेक्षा लगभग 8 से 10 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की। यह आकलन नैसकॉम और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा...
More »मंत्रियों के गांवों में स्वास्थ्य सेवा लचर
राज्य सरकार के दो मंत्रियों गृह क्षेत्र के अस्पतालों की हालत खस्ता है. यहां चिकित्सक, कर्मचारी व संसाधनों का घोर अभाव है. सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सकों की कमी है. मरीजों को आवश्यक दवा भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. भवनों की हालत पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. बेड का भी अभाव है. सफाई व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. चिकित्साकर्मियों को आवास की भी सुविधा नहीं है. ।।ठाकुर संग्राम...
More »गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
More »महाराष्ट्र के आईसीडीएस में ठेकेदारों का भ्रष्टाचार: सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट
राजनीतिक रसूख वाले ठेकेदार महाराष्ट्र में किस तरह सामाजिक कल्याण की योजनाओं को चूना लगा रहे हैं, इसके बारे कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त(कमिश्नरस्) की एक टोली ने रिपोर्ट सौंपी है। अगले 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस रिपोर्ट पर सुनवाई होने वाली है।समेकित बाल विकास कार्यक्रम (आईसीडीएस) में ठेकेदारों का प्रवेश कानून वर्जित है। आईसीडीएस 8000 करोड़ का सरकारी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य बाल-कुपोषण की गंभीर चुनौतियों से निपटना...
More »