न्यूजलॉन्ड्री, यह एक असाधारण समय है, लेकिन विवेक को हमेशा घबराहट की स्थिति से ऊपर रहना होता है. यह समय उसी विवेक केइस्तेमाल से एक सामाजिक दूरी रखते हुए इस दौरान मिलने वाले समय में कुछ सोचने समझने का भी है. क्या इस वक्त का इस्तेमाल कर हम विध्वंस के समय की कुछ बातों को सामान्य दिनों में लागू करने की सोच सकते हैं? कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस सामाजिक स्वास्थ्य...
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यह बात बारहा सामने आई है कि कोरोना जैसी किसी भी महामारी से सर्वाधिक मौतें भारत में होंगी
-न्यूजलॉन्ड्री, इंडियन जर्नल फ़ॉर मेडिकल रीसर्च के मार्च 2018 के संस्करण में ललित कांत और उनके सहकर्मी रणदीप गुलेरिया ने एक लेख लिखा था. इसका शीर्षक था “पैंडेमिक फ़्लू 1918: आफ़्टर हंड्रेड ईयर इंडिया इज़ ऐज़ वल्नरेबल.” इस लेख का मुख्य बिंदु था कि हिंदुस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं की जैसी जर्जर हालत है उसे देखते हुए अगर स्पैनिश इनफ़्लुएंज़ा जैसी कोई भी महामारी दुनियां में फैलती है तो विश्व में सर्वाधिक...
More »संपन्न भारत जब गरीबों के बारे में सोचता है तब वह अपने बारे में ही सोच रहा होता है
-सत्याग्रह, लॉकडाउन के उपरांत प्रवासी मज़दूर भारी संख्या में अपने गांवों की ओर निकल पड़े. हज़ारों की भीड़ बस अड्डों पर जमा हो गई. कितने तो पैदल ही सड़कों पर निकल पड़े. फिर क्या था, हाय तौबा मच गई. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. कुछ को वापस धकेल दिया गया कि अपने घरों में ही रहो. कुछ को अस्थायी क्वारंटाइन शिविरों में रख दिया गया. डर था कि उन हज़ारों...
More »कोरोनावायरस से भारत में 40 करोड़ असंगठित मजदूरों की रोजी-रोटी हो सकती है प्रभावित: आईएलओ
द प्रिंट, कोरोनावायरस संकट और उससे निपटने के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण भारत में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. इससे उनकी नौकरियों और कमाई पर असर पड़ सकता है जिससे वे गरीबी दुष्चक्र में फंस सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (अईएलओ) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा. भारत ने महामारी पर लगाम लगाने के लिये 25 मार्च से...
More »कोरोना वायरस को जड़ से मिटाना संभव नहीं: डॉ एंथोनी फाउची
-बीबीसी, कोरोना वायरस को बिना किसी वैक्सीन या असरदार इलाज के पूरी तरह ख़त्म नहीं किया जा सकता. यह कहना है व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस टास्क फोर्स के डॉ. एंथनी फाउची का. सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. फ़ाउची ने कहा, ''कोरोना वायरस फैलने से पहले अमरीका जिस स्थिति में था वहां शायद कभी नहीं पहुंच पाएगा अगर इस महामारी का कोई असरदार इलाज या वैक्सीन नहीं मिलते.'' जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी...
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