नई दिल्ली। औसत से कम बारिश और ज्यादा गर्मी के कारण पानी की कमी का असर न केवल खेती-बाड़ी और आम जन-जीवन पर हो रहा है, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आ सकती है। मसलन, इसकी वजह से बिजली उत्पादन घटने लगा है। पानी की कमी के कारण कई थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए हैं और कई बंदी की कगार पर हैं। दूसरी तरफ पन बिजली परियोजनाओं पर भी...
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पेयजल संकट का हल खोजेगी सरकार
शिमला, 7 अप्रैल (निस) हिमाचल प्रदेश की राजधानी एवं पर्यटन नगरी शिमला में पेयजल संकट ने प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार को चिंता में डाल दिया है। शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाले अधिकांश पेयजल स्रोतों के दूषित हो जाने और इनका पानी पीने योग्य न रहने के चलते अब सरकार को शिमला शहर के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। इसी के चलते मुख्यमंत्री...
More »आरक्षण की आग में झुलसता समाज- नीरजा चौधरी
कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...
More »पहचान का संकट 99 प्रतिशत समाप्त
मानव की पहचान स्थापित करना बड़ा विचार है। इससे न सिर्फ व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर पर कई समस्याएं सुलझीं बल्कि लंबे अरसे से समस्या बनी सभ्यतागत पहेलियां भी सुलझीं। साधारण शारीरिक चिह्नों से शुरू हुआ यह सफर फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतलियों से होता हुआ डीएनए और डिजिटल पहचान तक पहुंचा है। पिछले कुछ दशकों में कंप्यूटर प्रोसेसिंग में तरक्की की बदौलत हमारी पहचान स्थापित करने के लिए ऑटोमेटेड बायोमेट्रिक सिस्टम आए...
More »फ्लोराइड युक्त पानी से मप्र को अब मिलेगी मुक्ति
अरविंद पांडेय। नईदिल्ली। फ्लोराइड युक्त जहरीले पानी के संकट से जूझ रहे मध्यप्रदेश को अब जल्द ही इससे मुक्ति मिलेगी। केंद्र ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मुहिम छेडी है। जिसमें मप्र को भी शामिल किया है। अभियान के पहले चरण में देश के फ्लोराइड प्रभावित उन क्षेत्रों को साफ पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा, जहां अभी लोग इसे पीने के लिए मजबूर है। इनमें राज्यों की...
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