साल 2017 समाप्ति पर है, लेकिन नई सदी के उपजाए सरदर्द घट नहीं रहे। पाकिस्तान में हर दो-तीन महीनों के भीतर कट्टरपंथी गुट उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों को मानव बम से उड़ा रहे हैं। म्यांमार में बौद्ध बहुसंख्य जनता द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन भेड़-बकरियों की तरह देश से बाहर हांक दिया गया है और वे हर पड़ोसी देश की सीमा पर बेघर बने डांय-डांय डोल रहे हैं। पहले से ही...
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दुनिया से जुड़ने का हमारा अधिकार -- हरजिंदर
मान लीजिए, आपकी तबीयत खराब है और आप डॉक्टर के पास जाने के लिए टैक्सी बुलाते हैं। टैक्सी वाला बताता है कि अगर आप फलां डॉक्टर के पास जाते हैं, तो आपको टैक्सी का इतना किराया देना पड़ेगा और अगर दूसरे के पास जाते हैं, तो किराया कुछ ज्यादा लगेगा। उसकी लिस्ट में एक ऐसे डॉक्टर का नाम भी है, जिसके पास अगर आप जाएं, तो वह आपको मुफ्त...
More »नेशनल फाउंंडेशन फॉर इंडिया का मीडिया अवार्ड कार्यक्रम, आवेदन की अंतिम तारीख 30 दिसंबर
नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया ने अपने मीडिया अवार्ड कार्यक्रम 2018 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह अवार्ड कार्यक्रम युवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में कुछ सालों तक योगदान कर चुके पत्रकारों के लिए है. अवार्ड कार्यक्रम के जरिए चयनित पत्रकार राष्ट्रीय महत्व के वैसे मुद्दों पर अपने शोध आलेख/ या फोटो-लेख प्रकाशित कर सकेंगे जिनपर मीडिया में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है. अवार्ड कार्यक्रम में गहरी छान-बीन पर आधारित...
More »महिला अपराधों के खिलाफ नैतिक अभियान चलाना पड़ेगा : शिवराज सिंह
ऋषि पाण्डे, धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान बुधवार को बारह साल पूरे कर रहे हैं। मध्यप्रदेश गठन के बाद वे पहले ऐसे राजनेता हैं जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सतत बारह साल तक बैठने का सौभाग्य हासिल कर रहे हैं। इन बारह सालों में उन्होंने खूब मेहनत की। कई योजनाएं बनाई। कृषि, सिंचाई, सडक बिजली पानी शिक्षा पर उन्होंने खासा ध्यान केन्द्रित किया। उनकी कई...
More »त्रिपुरा के आदिवासी और टैगोर-- रामचंद्र गुहा
कोई दस एक साल पहले शांतिनिकेतन जाना हुआ। वहां मेरी मुलाकात वाइस चांसलर के सचिव का काम कर रहे बौद्ध भिक्षु से हुई। वे त्रिपुरा से थे, जहां से शांतिनिकेतन की स्थापना के बाद छात्रों का आना लगातार जारी था। कुछ ही दिन बाद मैं मणिपुर गया, जहां की नृत्य और संगीत परंपरा चमत्कृत करने वाली है। मुझे बताया गया कि टैगोर कभी मणिपुर आए तो नहीं, लेकिन त्रिपुरा महाराज...
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