गुजरे कुछ हफ्तों में भुखमरी से मौत की कम से कम दो खबरें आई हैं। एक खबर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से है और दूसरी राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले से। राज्य दो हैं और वहां सरकार भी दो अलग-अलग पार्टियों- बीजेपी और कांग्रेस की है लेकिन दोनों ही जगह पीडित की स्थितियां बहुत कुछ मिलती जुलती हैं। दोनों ही जगह पीडित परिवार अपने गांव के सर्वाधिक दरिद्र परिवारों में से एक है लेकिन दोनों...
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नर्मदा मैया के साथ भी खिलवाड़
भोपाल. भास्कर ने रविवार के अंक में बताया था कि किस तरह नेताओं ने अपनी जमीन बचाने के लिए नर्मदा पाइप लाइन का रुख मोड़ दिया, लेकिन ‘प्रभावशालियों’ की हिमाकत यहीं खत्म नहीं हुई। इन लोगों ने तो नर्मदा नदी को तबाह करने का भी पूरा इंतजाम कर रखा है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी पर प्रदूषण से बड़ा खतरा अवैध खनन में लगे माफियाओं से है। नेता, अफसर और ठेकेदार मिलकर नदी...
More »जजों की कमी से लंबित हो रहे मुकदमे
लखनऊ। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा कि अदालतों में लंबित मुकदमों की फेहरिस्त जजों की कमी की वजह से बढ़ती जा रही है। अदालतों में अवस्थापना सुविधाओं की कमी शिद्दत से महसूस की जा रही है। न्यायालयों में पर्याप्त संख्या में कोर्ट नहीं हैं। दु:खद तो यह है कि कई राज्य सरकारें अदालतों के विकास में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। यदि अदालतों में स्वीकृत संख्या के अनुरूप जजों की तैनाती...
More »पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?
इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...
More »जमीन नहीं लौटाने के बहाने ढूंढ रहे बुद्धदेव
नई दिल्ली [टी. ब्रजेश]। नंदीग्राम से सिंगुर तक लगातार अपनी भूमि अधिग्रहण नीति का बचाव करते रहे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को अब किसानों को जमीन लौटाने में अपनी पोल खुलने का डर सताने लगा है। यही वजह है कि किसानों को भूमि लौटाने के नाम पर उन्होंने अपने पैर खींचने की कोशिश भी शुरू कर दी है। वह इस संबंध में तमाम व्यावहारिक दिक्कतों का विवरण देते नहीं थक रहे हैं।...
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