प्रधानमंत्री को आजकल किसानों की बड़ी चिंता है। यानी उनके वोट की बहुत चिंता है। होनी भी चाहिए। लोकसभा चुनाव का मौसम शुरू हो गया है। चाहे गुजरात से लेकर कैराना तक के चुनाव परिणाम हों या किसानों द्वारा अपनी फसल फेंक देने की खबरें हों या फिर नवीनतम जनमत सर्वेक्षण, सभी दिशाओं से किसान की नाराज़गी के संकेत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री जानते हैं कि देश की खेती पर...
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मौसम विभाग के सारे पूर्वानुमान फेल, CG में मानसून लापता
रायपुर। मानसून ने सही समय पर केरल में दस्तक दी, आठ जून को यह छत्तीसगढ़ भी पहुंच गया और 11 जून को रायपुर में पहली बारिश हुई। लेकिन इसके बाद यह ऐसा रूठा कि मध्य-छत्तीसगढ़ मानसूनी बारिश के लिए तरस गया है। मौसम विभाग ने 22 जून से मानसून के सक्रिय होने का पूर्वानुमान लगाया था, उसके सारे पूर्वानुमान फेल हो गए हैं। बीते आठ साल के आंकड़े बताते हैं कि...
More »बर्बरता पर रोक लगाना जरूरी-- पवन के वर्मा
कभी-कभी मैं महसूस करता हूं कि गणतंत्र में जो कुछ बिल्कुल ही अस्वीकार्य है, वह अब सामान्य-सा होता जा रहा है. जब पहली बार पशु व्यवसायियों पर हमले हुए, तो वे समाचार बने, मगर यह इतनी दफा होने लगा कि शुरुआती सदमा समाप्त हो चला है. इन वारदातों की खबरें और टिप्पणियां अब चलताऊ किस्म की होती हैं. यदि हम यह यकीन करते हैं कि भारत विश्व का सबसे बड़ा...
More »गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है भारत, प्रति वर्ष हो रही दो लाख की मौत
नयी दिल्ली : नीति आयोग ने कल जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है, स्थिति यह है कि लाखों लोगों की जिंदगी और उनके आजीविका पर संकट बना हुआ है. स्थिति यह है कि 600 मिलियन लोग गंभीर जलसंकट का सामना कर रहे हैं और 200,000 लोगों की प्रतिवर्ष शुद्ध जल के अभाव में मृत्यु हो जाती है. जल के उचित प्रबंधन और उपयोग...
More »जरूरी है भाषाओं का संरक्षण-- वरुण गांधी
पेरू में अमेजन घाटी में तौशीरो भाषा बोलनेवाला सिर्फ एक शख्स बचा है. इसी इलाके में रेजिगारो भाषा भी ऐसे ही अंजाम की ओर बढ़ रही है. पिछली दो सदियों में अंग्रेजी का जिन इलाकों में भी विस्तार हुआ, स्थानीय भाषाओं का सफाया हो गया. दो सदियों के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 100 स्थानीय भाषाएं खत्म हो गयीं. भारत में भी यही कहानी दोहरायी जा रही है. 1961 की जनगणना में...
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