जनसत्ता 25 मई, 2012: यह रास्ता जंगल की तरफ जाता जरूर है, लेकिन जंगल का मतलब वहां सिर्फ जानवरों का निवास नहीं होता। जानवर तो आपके आधुनिक शहर में हैं, जहां ताकत का अहसास होता है। जो ताकतवर है उसके सामने समूची व्यवस्था नतमस्तक है। लेकिन जंगल में तो ऐसा नहीं है। यहां जीने का अहसास है। सामूहिक संघर्ष है। एक दूसरे के मुश्किल हालात को समझने का संयम है। फिर न्याय से लेकर...
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मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
More »बिना बारदाने के भी गेहूं खरीदेगी सरकार
भोपाल.राज्य सरकार अब बिना बारदाने के भी गेहूं खरीदेगी। इसकी शुरुआत सीहोर, होशंगाबाद, हरदा और धार समेत उन जिलों से होगी, जहां गेहूं की आवक ज्यादा है। जरूरत पड़ी तो जिलों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। किसानों को एसएमएस कर बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो खरीदी की तारीख 31 मई के बाद भी बढ़ा दी जाएगी। इस संबंध में रेडियो...
More »जल के निजीकरण के खतरे-निरंकार सिंह
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह कहकर चौंका दिया है कि सरकार पानी के निजीकरण पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति इस माह के अंत तक घोषित कर दी जाएगी। बंसल के मुताबिक जल संसाधन मंत्रालय ने जल नीति का मसौदा कई माह पहले तैयार कर लिया था। इस बारे में लगातार विशेषज्ञों और संबंधित लोगों से चर्चा हो रही है। नीति का जो मसौदा...
More »'सिस्टम' से तंग छवि राजावत करेंगी गहलोत से शिकायत
नई दिल्ली. राजस्थान के टोंक जिले के सोड़ा गांव की सरपंच के तौर पर पूरी दुनिया में नाम कमा चुकीं छवि राजावत को 'सिस्टम' से शिकायत है। देश के नामी गिरामी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ चुकीं राजावत जब सोड़ा गांव की सरपंच बनीं थीं तो उन्हें खुद और उनके गांव को बड़े बदलाव की उम्मीद थी। लेकिन सरपंच बनने के दो साल बाद महिलाओं से होने वाला भेदभाव, नौकरशाही के रवैये और राजनीतिक...
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