SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 317

ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

More »

नरेगा में एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति

नई दिल्ली. केंद्र मनरेगा के तहत काम करने वालों की किसी दुर्धटना की स्थिति में मृत्यु हो जाने अथवा स्थायी अपंगता पर मुवाअजा राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की सिफारिश पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मनरेगा के तहत मौजूदा मुवाअजा राशि 25 हजार रुपए है। मनरेगा पर अमल की समीक्षा करने वाली संसदीय लोक लेखा समिति ने अपनी आठवीं रिपोर्ट में सरकार से कहा है क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाई जाए। समिति ने इसके लिए...

More »

मनरेगा में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

भोपाल। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (नरेगा ) जो अब महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के नाम से जानी जाती है। इस योजना का उद्देश्य था कि क्षेत्र के मजदूरों को अपने ही गाव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा करा लिए जाते है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पाता। इस कारण गरीब परिवार काम के सिलसिले में...

More »

बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ

कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...

More »

जनजीवन पर बुरा असर डाल रहा क्रशर

डोमचांच (कोडरमा)। भीषण वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रहे हैं डोमचांचवासी। स्टोन चिप्स के धूल के कारण डोमचांच एवं इसके आसपास क्षेत्र के पेड़-पौधे व जंगलों का भीषण विनाश हो रहा है तथा लोग श्वांस और टीबी संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। वायु प्रदूषण का मुख्य कारण यहां पर नीरू पहाड़ी से लेकर पुरनाडीह तक दस किमी क्षेत्र में फैले सैकड़ों क्रशर मिलों से उड़ने वाला धूलकण है। सड़क के किनारे दोनों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close