पटना: डीएवी बोर्ड कॉलोनी स्कूल में एक छात्र बाल गूंथ कर नहीं पहुंची, तो शिक्षिका ने उसके बाल ही काट डाले. यही नहीं जबरन बोर्ड कॉलोनी मैदान का तीन चक्कर भी लगवाया. पीड़ित छात्र काफी अनुनय-विनय करती रही, लेकिन शिक्षिका ने उसकी नहीं सुनी. उल्टे एक संगीत शिक्षक ने तो लड़कियों पर लड़कों को रिझाने का ताना कसते हुए कमेंट किये. शाम को छात्र के घर लौटने पर अभिभावकों को इसकी...
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देश के स्कूलों में ड्रापआउट बड़ी समस्या
भारत की स्कूली शिक्षा में बहुत बड़ी समस्या ड्रॉप-आउट की है. जितने बच्चे गांव शहर समाज में हैं, एक तो सभी स्कूल आते नहीं हैं, उतने स्कूली शिक्षा समाप्त नहीं कर पाते हैं. अनेक कारणों से काफी बच्चे बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. वे ड्रॉपआउट कर जाते हैं. इन ड्रॉप आउट करनेवाले बच्चों में लड़कियों की संख्या अनुपात से अधिक है व प्रगति की इच्छा रखनेवाले समाज के लिए चिंता का...
More »एचआईवी के खिलाफ एक गांव की जंग- अन्नु आनंद
कोल्हापुर का नाम कोल्हापुरी जूतियों के लिए जाना जाता है. व्यापारी जगत में यह चीनी की मिलों के लिए भी मशहूर है. फिल्मों में रुचि रखने वाले इसे पद्मिनी कोल्हापुरी के नाम से भी पहचानते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर नाम का यह जिला अब जन-भागीदारी के अनूठे प्रयास के लिए समूचे देश में एक नयी मिसाल कायम कर रहा है. एचआइवी के खिलाफ जंग में विभिन्न समुदायों ने मिलकर यहां ऐसे प्रयासों...
More »‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’
हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उत्साह और ऊर्जा से भरी 17 साल की जुलिता को देखकर पहली नजर में यकीन करना मुश्किल है कि वह अभी-अभी बंधुआ मजदूरी,...
More »न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय
जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...
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