कांग्र्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक सरल कर के रूप में जीएसटी की जो परिकल्पना की थी, उसका मकसद देश में केवल एकसमान टैक्स लागू करना ही नहीं, बल्कि उसकी दरें भी कम करना था। इससे कर ढांचा सरल होने के साथ ही महंगाई में भी खासी कमी आती। 2011 में कांग्र्रेस सरकार ने 115वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए जो जीएसटी विधेयक पेश किया था, वह न...
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कौशल विकास योजना के सबक-- संजय रोकड़े
आदर्श ग्राम योजना, मेक इन इंडिया, मुद्रा योजना की तरह कौशल विकास योजना को लेकर भी बड़ी-बड़ी बातें की गर्इं। लेकिन जब सरकार ने इस योजना की सच्चाई जानने के लिए धरातल पर एक आंतरिक सर्वे करवाया तो बहुत चिंताजनक स्थिति सामने आई। कौशल विकास योजना को संचालित करने वाले मंत्रालय की आंतरिक आॅडिट रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट रूप से जिक्र है कि सरकार द्वारा अनुदान-प्राप्त करीब सात...
More »अब नई टेलीकॉम नीति लाने का वक्त-- राजीव चंद्रशेखर
देश में दूरसंचार के क्षेत्र में सुधार लागू होने का पच्चीसवां साल चल रहा है, जो अगले साल पूरा होगा। आधुनिक भारत के इतिहास में ये सुधार मील का महत्वपूर्ण पत्थर है। 1993 में ही चार प्रमुख महानगरों में निजी कंपनियों को सेल्यूलर टेलीफोनिंग के लाइसेंस दिए गए थे। यह वह समय था जब फोन कनेक्शन की वेटिंग लिस्ट 3-4 साल की होती थी और फोन से जुड़ी शब्दावली में...
More »क्या 'आर्थिक क्रांति' हो गयी है?-- रविभूषण
क्या सचमुच 1 जुलाई, 2017 से 'एक नये भारत का निर्माण' हो चुका है- 'आर्थिक भारत का निर्माण'? निश्चित रूप से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) आजादी के बाद देश की कर-व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि 17 कर और 26 उपकर समाप्त हो गये हैं, 36 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों वाले इस बड़े देश में अब एक कर और एक बाजार है. पर, जीएसटी लागू किये जाने...
More »मोदी का सबसे बड़ा दांव--- एन के सिंह
कल आधी रात को संसद के ‘सेंट्रल हॉल' में आयोजित एक जगमगाते कार्यक्रम में लंबे वक्त से प्रतीक्षित ‘गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स' यानी जीएसटी कानून आखिरकार वजूद में आ गया। प्रतिष्ठित ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा (टैक्स गैंबल) दांव करार दिया है। जीएसटी के फायदे के बारे में सब जानते हैं। यह आसानी से कारोबार कर सकने की राह में खड़ी तमाम...
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