नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...
More »SEARCH RESULT
जननियों को कंप्यूटर सिखायेगा जनक
रायबरेली। माइक्रोसाफ्ट के जनक बिल गेट्स ने रायबरेली की महिलाओं को अमेरिका आकर कंप्यूटर सीखने का न्योता दिया है। गेट्स मंगलवार को अमेठी के सांसद राहुल गांधी के साथ रायबरेली व अमेठी संसदीय क्षेत्र में महिलाओं से मिलने पहुंचे थे। समूह क्या है व कैसे बनता है? पहली बार घर से बाहर निकलीं तो क्या समस्याएं सामने आयीं? समाज व साहूकारों का आपके प्रति कैसा व्यवहार है? उनका नजरिया बदला? पतियों का पलायन क्या...
More »एसबीआई ने सस्ते किए बड़े कृषि लोन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने देश के किसानों को राहत देते हुए उन्हें सस्ते कर्ज की सौगात दी है। इस वर्ष पूरे रबी और खरीफ मौसम के लिए बैंक ने कृषि कर्ज पर अपनी स्कीमों के तहत ब्याज दरों में 2.75 फीसदी तक की कमी करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही छोटी सिंचाई योजनाओं के लिए होमलोन की टीजर स्कीमों जैसी ही एक नई स्कीम...
More »बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ
कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »