जम्मू [गुलदेव राज]। बदलते जमाने में महिलाएं हर क्षेत्र में प्रवेश कर सबको हैरान कर रही हैं। अब तो औरतें बड़े-बड़े पदों पर भी अपनी दस्तक दे रही हैं। आजादी के 62 सालों बाद आज स्कूल, कालेज, अस्पतालों, विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों की छोटी बड़ी सब नौकरियों में औरतों की अच्छी भागीदारी नजर आती है। मगर जम्मू-कश्मीर में तो औरतों ने नौकरियों में पुरुषों का पत्ता ही काटने का मन बना लिया है।...
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सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय
दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
More »आँखों को बेनूर कर रहा पानी- मीनाक्षी अरोड़ा
बिहार के भोजपुर जिले के बीहिया से अजय कुमार, शाहपुर के परशुराम, बरहरा के शत्रुघ्न और पीरो के अरुण कुमार ये लोग भले ही अलग-अलग इलाकों के हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है, वो है इनके बच्चों की आंखों की रोशनी। इनके साथ ही सोलह और अन्य परिवारों में जन्में नवजात शिशुओं की आँखों में रोशनी नहीं है। इनकी आँखों में रोशनी जन्म से ही नहीं है। बिहार के...
More »पानी में जहर- शहरोज, संजीव समीर
गया से महज़ चौंसठ किलोमीटर के फ़ासले पर है आमस प्रखंड का गांव भूपनगर, जहां के युवक इस बार भी अपनी शादी का सपना संजोए ही रह गए. कोई उनसे विवाह को राज़ी न हुआ. वजह है उनकी विकलांगता. इनके हाथ-पैर आड़े-तिरछे हैं, दांत झड़ चुके हैं, हड्डियां ऐंठ गई हैं. जवानी में ही लोग बूढ़े हो गये हैं. गांव के लोग बीमारी का नाम बताते हैं- फ्लोरोसिस. इलाज की ख़बर...
More »तीन हजार लो और उठाओ बंदूक
लाल आतंक भारत के लिए एक बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है। अब यह आतंक और भी घातक रूप ले सकता है क्योंकि इसकी नजर देश के युवाओं पर पड़ चुकी है। जी हां, अगर नक्सलियों की प्लानिंग कारगर साबित हुई तो ऐसा हो सकता है। माओवाद से प्रभावित देश के दूर-दराज के इलाकों में नक्सलियों ने अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए एक अनोखी रणनीति तैयार की है। इसके मुताबिक नक्सलियों ने अंदरूनी इलाकों में युवाओं...
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