-न्यूजलॉन्ड्री, कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में जिस तरह से पूर्ण या आंशिक रूप से स्कूल बंद करने पड़े हैं उससे दुनिया भर में करीब 63.5 करोड़ बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. यह जानकारी हाल ही में यूनिसेफ द्वारा साझा नवीनतम आंकड़ों में सामने आई है. गौरतलब है कि पिछले करीब दो वर्षों से महामारी के कारण शिक्षा प्रभावित रही है. इन व्यवधानों से बच्चों में बुनियादी जोड़-घटा और पढ़ने-लिखने के कौशल पर असर पड़ा...
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पूंजीवाद और लोकतंत्र के ऐतिहासिक रिश्तों के आईने में संवैधानिक मूल्यों की परख
-जनपथ, प्रस्तुत लेख पॉपुलर एजुकेशन एंड ऐक्शन सेंटर (पीस), दिल्ली द्वारा बीते वर्ष अक्टूबर में संवैधानिक मूल्यों पर शुरू की गयी एक फैलोशिप के तहत चलाए गए अभिमुखीकरण सत्र में दिए गए पहले ऑनलाइन व्याख्यान का संपादित रूप है। पीस के मुख्य कार्यकारी और प्रशिक्षक अनिल चौधरी ने सामाजिक-आर्थिक न्याय, पत्रकारिता और कला व संस्कृति के फैलोज़ को इस व्याख्यान में संबोधित किया था। संपादक गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए...
More »आर्थिक विकास, पोषण जाल, और चयापचय संबंधी रोग
-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में प्रलेखित किये गए दो तथ्य इस परंपरागत धारणा के विपरीत चलते हैं कि आर्थिक विकास बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाता है: विकासशील देशों में आय और पोषण की स्थिति के बीच एक स्पष्ट लिंक का अभाव; और आर्थिक विकास के साथ, तथा सामान्य व्यक्तियों में, जो कि जरूरी नहीं कि अधिक वजन वाले हों, चयापचय संबंधी बीमारी का बढ़ता प्रचलन। यह लेख इन प्रतीत...
More »सरकारों द्वारा होने वाली आर्थिक हिंसा की तरह है बढ़ती असमानता- ऑक्सफ़ैम रिपोर्ट
-न्यूजक्लिक, ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने सोमवार, 17 जनवरी को असमानता पर अपनी 2022 की रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में संगठन ने दुनियाभर की सरकारों की असमानता को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ने देने के लिए आलोचना की है। रिपोर्ट कहती है कि सरकारों ने "ऐसी स्थितियां बनने दीं, जिसमें कोविड-19 वायरस, अरबपतियों की संपदा वाले नए वेरिएंट में बदल गया।" रिपोर्ट कहती है कि हर चार सेकेंड में असमानता एक...
More »पीएमजेएवाई का सच: “महंगा साबित हो रहा है बीमा-आधारित हमारा मॉडल”
-डाउन टू अर्थ, इस महामारी से उपजे भारी तनाव ने दुनियाभर में स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को उजागर कर दिया है। तमाम देशों ने अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए तमाम तरीके अपनाए हैं। औद्योगीकृत पश्चिमी देश बड़े पैमाने पर संकट से निपटने के लिए उपचारात्मक कदमों पर निर्भर हैं, जिसकी वजह से रोग निवारक सेवा के लिए कुछ खास जगह नहीं बचती। विकासशील देशों में प्राथमिक स्वास्थ्य...
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