मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम व सिक्किम में चावल की खेती के खास प्रयास पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष 2013-14 में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसम) के तहत इन राज्यों में चावल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। एनएफएसएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न...
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कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »खाद्य सुरक्षा क़ानून में विसंगतियां
इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) और सरकार का अंतरद्वंद्व खुलकर सार्वजनिक रूप से उजागर हो गया है। ज़्यां द्रेज़ का मानना है कि एनएसी ने चार महीनों की मेहनत के बाद जिस मसौदे को अंतिम रूप दिया है उससे खाद्य सुरक्षा का वादा पूरा कर पाने में सरकार विफल ही रहेगी। मसौदे को एक निराशाजनक दस्तावेज़ करार देते हुए उन्होंने इससे कड़े शब्दों में अपनी असहमति...
More »दालों की खेती पर नहीं, आयात पर बढ़ाया खर्च
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...
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