चौदह अक्तूबर, 2016 को भीम राव अंबेडकर के बौद्ध धर्म अपनाने की 60वीं सालगिरह थी। मगर यह मौका राजनीतिक वर्ग के संज्ञान से अछूता रहा, खासकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नजरों से, जो मौजूदा दौर में देश के दो सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं और जिन्होंने हाल के महीनों में अंबेडकर की बढ़-चढ़़कर तारीफें की हैं। जहां तक मुझे दिखा, न तो सोनिया या राहुल गांधी ने, न किसी...
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राजनीति में भ्रष्टाचार के साथ ही बढ़ता गया काला धन-- सुरेन्द्रकिशोर
ब्रिटिश अर्थशास्त्री कैलडोर ने 1956 में यह बताया था कि भारत में काला धन सकल घरेलू उत्पाद का 4-5 प्रतिशत है. वांचू कमेटी के अनुसार 1970 में करीब सात प्रतिशत था. एक अध्ययन के अनुसार 1985 में यह जीडीपी का 18-20 प्रतिशत हो गया. एक अन्य अध्ययन के अनुसार 1995-96 में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया था. 2005-6 में यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया....
More »तीस साल पहले और अब!-- नसीरुद्दीन
एक दानिश्वर की मशहूर लाइन है- जो इतिहास भूल जाते हैं, वे इसे दोहराने की गलती करते हैं. इतिहास में तीस साल, लंबा वक्त नहीं होता है. फिर भी लगता है कि हम बहुत जल्दी भूलने के आदी हो गये हैं. नतीजतन, बुरे वक्त को दोहराने की गलती करते रहते हैं. फिर वैसा ही माहौल बनाने की कोशिश हो रही है, जैसा तीस साल पहले बनाया गया था. वैसा ही...
More »मिटाना होगा तीन तलाक का अभिशाप - कुलदीप नैयर
कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामिया की एक साप्ताहिक पत्रिका है - 'रेडियंस"। इसने अपने पहले पन्न्े पर एक लेख छापा, जो कहता है कि 'पहले तुम हमें अपना हिसाब दो।" साफ तौर पर यहां 'तुम" से आशय हिंदुओं से है। हिंदू पर्सनल लॉ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप के बाद अस्तित्व में आया था। विवाह जीवन भर के लिए पवित्र-बंधन होता था और किसी बीमार या नि:शक्त को...
More »दलित जागरण का उठता ज्वार-- तरुण विजय
अभिमान पर जरा सी चोट लगी थी तो महाभारत हो गया था- द्रौपदी इसकी साक्षी है. एक बार गोली खाना सहन हो सकता है, लेकिन तिरस्कार नहीं. हैदराबाद विमान तल पर राजीव गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री टी अंजैया का जो अपमान किया, उसके बाद कांग्रेस का तख्तापलट हो गया था. जनता ने माफ नहीं किया. अनुसूचित जातियां तो सदियों से यह अपमान झेलती आ रही हैं. जिन्हें अपनी जाति के...
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