प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों से कहा है कि काले धन की घोषणा करके उस पर टैक्स अदा कर दें अन्यथा 30 सितंबर के बाद सख्त कदम उठाये जायेंगे. काला धन रखनेवालों को जेल भी भेजा जा सकता है. हाल में ही बेनामी प्राॅपर्टी को जब्त करने का नया कानून संसद ने पारित किया है. प्रश्न है कि इसका अंतिम परिणाम क्या होगा. क्या काले धन पर नियंत्रण...
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सरकारी बैंकों का अंधेरा कुआं-- भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने चिंता जतायी है कि सरकारी बैंकों द्वारा दिये गये लोन बड़ी मात्रा में खटाई में पड़ रहे हैं. इससे अर्थव्यवस्था पर संकट मंडराने लगा है. याद करें कि 2008 में अमेरिकी बैंकों पर संकट उत्पन्न हो गया था. उन्होंने बड़ी मात्रा में लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों को लोन दिये थे. लेहमन ब्रदर्स लोन को वापस नहीं दे पाया था. और अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी थी. इसी प्रकार...
More »तानाशाही नेतृत्व, खैरात की राजनीति-- राजदीप सरदेसाई
बाहर से देखने पर जयललिता और ममता बनर्जी एक-दूसरे से उतनी ही भिन्न हैं, जितना इडली सांभर, माछेर झोल से। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पोएस गार्डन की स्वयंभू साम्राज्ञी हैं। पहुंच से दूर ऐसी शख्सियत, जो राजसी ठाठ-बाट से रहती हैं। इसके ठीक विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सलवटों वाली साड़ी और चप्पलों में खुद को लोक नायिका के रूप में पेश करना पसंद करती हैं और सड़क पर संघर्ष करने...
More »हमारे धनकुबेर और टैक्स हेवन - मोहन गुरुस्वामी
हमारे देश के ऊंचे और रसूखदार लोगों का किया-धरा धीरे-धीरे अब सार्वजनिक जानकारी के दायरे में आता जा रहा है। पनामा पेपर्स का खुलासा इनमें सबसे ताजातरीन मामला है। इन खुलासों ने हड़कंप मचा दिया है कि भारत की कम से कम पांच सौ आलातरीन शख्सियतों की पनामा में फर्जी कंपनियां हैं, जिनका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग या धन छिपाना था। इस खुलासे के बाद ज्यादा से ज्यादा यही कहा जा...
More »अब सरकारी बैंकों के निजीकरण का वक्त - डॉ भरत झुनझुनवाला
विजय माल्या पर 7,000 करोड़ की देनदारी है तो दूसरे बड़े उद्यमियों पर इससे लगभग नौ गुना यानी 60,000 करोड़ रुपए की देनदारी है। माल्या का कहना है कि इस रकम के खटाई में पड़ने में सरकारी बैंकों की भी भागीदारी है, क्योंकि उन्होंने यह जानते हुए लोन दिए थे कि कंपनी संकट में है। सच यह है कि सरकारी बैंकों के अधिकारियों के लिए घटिया लोन देना लाभ का...
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