स्वतंत्र भारत के बांग्ला साहित्य में ही नहीं, भारतीय साहित्य में भी महाश्वेता देवी (14 जनवरी, 1926- 28 जुलाई, 2016) ने जो नयी जमीन और दिशा दी, उसे आज उर्वर और सार्थक बनाना जरूरी है. बहुत कम लेखकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि साहित्यिक रूप से समृद्ध होती है. दिनेश रंजन दास और गोकुलचंद्र नाग ने बीसवीं सदी के आरंभिक दशक में जिस 'कल्लोल' पत्रिका का आरंभ किया था, उससे बांग्ला साहित्य...
More »SEARCH RESULT
पेंशन के टेंशन ने बंद कर दी बद्री मेहतर की सांस
देवघर: पेंशन से जुड़ी थी बद्री मेहतर की सांस. पेंशन क्या बंद हुई बद्री की सांस ही बंद हो गयी. पीछे छूट गया छह सदस्यों का बड़ा परिवार, जिसके लिए दिन पहाड़ है और रात कोई डरावना सपना. बद्री मेहतर कोई निकम्मा आदमी नहीं था. वह नगर निगम का सेवानिवृत सफाई कर्मचारी था. कोई एक महीने से बीमारी से जूझ रहा था. यथोचित इलाज के अभाव में रविवार की रात...
More »आत्महत्या करनेवालों में किशोर और युवा सबसे आगे
टूट रही नयी पीढ़ी को सहारा देनेवाली डोर देश की नयी पीढ़ी में तनाव और अवसाद किस कदर बढ़ रहा है, इसका स्पष्ट संकेत लंदन की प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट में छपी ताजा रिपोर्ट से मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में किशोरों और युवाओं की मौत का अब सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है. हालांकि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पहले ही बता चुके हैं कि भारत में आत्महत्या करनेवालों...
More »एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री ने कहा, बीएससी पास छात्र करेंगे ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्ट
जमशेदपुर: झारखंड में डॉक्टरों की कमी है. इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं ठीक से नहीं मिल पा रही हैं. इस समस्या के निदान के लिए राज्य सरकार बीएससी (बायो) उत्तीर्ण विद्यार्थियों को दो साल की मेडिकल ट्रेनिंग देकर प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त करेगी. इसके लिए अभ्यर्थियों को एक टेस्ट से गुजरना होगा. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज...
More »अन्न की बर्बादी और भूख-- रविशंकर
हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
More »