पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
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खाद्य सुरक्षा के दबाव में कार्बन उत्सर्जन घटाना चुनौती
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश की खाद्य सुरक्षा के दबाव में भारत का कृषि क्षेत्र कार्बन उत्सर्जन घटाने की हालत में नहीं है। सबके लिए भोजन मुहैया कराना फिलहाल प्राथमिकता है। हालांकि उत्सर्जन को कम करने के लिए जैविक खेती और भूमि प्रबंधन, जल संरक्षण व नाइट्रोजन का उपयोग कम करने की जरूरत है। पशुओं के बगैर जैविक खेती संभव नहीं है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने के...
More »प्याज बचाने के लिए किसान ने बनाया देसी कोल्ड स्टोरेज
इंदौर। जिस प्याज के गिरते-चढ़ते भावों से राजनीतिक दलों की कुर्सी हिलने लगती हैं और सरकार की सांसें ऊपर-नीचे होती हैं, उसी प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक आम किसान ने जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज बना डाला। करोड़ों के कोल्ड स्टोरेज से इतर यह देसी कोल्ड स्टोरेज मात्र 35 हजार स्र्पए में तैयार हो गया। मेड इन सेमलिया चाऊ। इंदौर जिले के सेमलिया चाऊ गांव के युवा किसान रंजनजसिंह...
More »प्याज बचाने के लिए किसान ने बनाया देसी कोल्ड स्टोरेज
इंदौर। जिस प्याज के गिरते-चढ़ते भावों से राजनीतिक दलों की कुर्सी हिलने लगती हैं और सरकार की सांसें ऊपर-नीचे होती हैं, उसी प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक आम किसान ने जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज बना डाला। करोड़ों के कोल्ड स्टोरेज से इतर यह देसी कोल्ड स्टोरेज मात्र 35 हजार स्र्पए में तैयार हो गया। मेड इन सेमलिया चाऊ। इंदौर जिले के सेमलिया चाऊ गांव के युवा किसान रंजनजसिंह...
More »जनगणना से मिलते संकेत- अरविन्द मोहन
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
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