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समस्या धारा 370 नहीं, समस्या है दो अलग-अलग सोच-- प्रेम कुमार

धारा 370 बोलते ही मस्तिष्क में उभर आता है जम्मू-कश्मीर, जुबान पर आ जाती है बीजेपी, नज़र आने लगते हैं सेकुलरवादी और टीवी पर झगड़ते बंटे हुए नेता. धारा 370 यानी जम्मू-कश्मीर के प्रताड़ित और विस्थापित हिंदू, धारा 370 से याद आने लगता है पाक अधिकृत कश्मीर, सियाचीन ग्लेशियर जैसे एकीकृत जम्मू-कश्मीर के कटे हुए हिस्से, जिन पर पड़ोसियों का कब्जा है. धारा 370 यानी कश्मीर विवाद में पाकिस्तान की...

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सिर्फ विलाप से नहीं बचेगी धरती-- सुनीता नारायण

अर्थव्यवस्था, राजनीति और प्रकृति के नजरिये से पिछला साल काफी उथल-पुथल वाला वर्ष रहा। ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकला, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए और अनियमित मौसम व असमय बारिश से पूरी दुनिया हलकान रही; गरीबों के घर और खेत तबाह हुए। ये तमाम चीजें अब बीते दिनों की बातें भले लगती हों, लेकिन जिस तरह से हमारे लक्ष्य बदल रहे हैं, भविष्य इससे भी बुरा...

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CSDS सर्वे: यूपी में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के ज्‍यादा शिकार हुए पढ़े-लिखे हिंदू नौजवान

छह दिसंबर 1992 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन है। इसी दिन अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों की बेकाबू भीड़ ने गिरा दिया। उस घटना के 24 साल बाद भी उत्तर प्रदेश में कोई भी चुनाव उसके जिक्र के बिना पूरा नहीं होता। बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद यूपी में पूरी एक पीढ़ी जवान हो चुकी है लेकिन ये मुद्दा अभी भी राजनीतिक रूप...

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तीस साल पहले और अब!-- नसीरुद्दीन

एक दानिश्वर की मशहूर लाइन है- जो इतिहास भूल जाते हैं, वे इसे दोहराने की गलती करते हैं. इतिहास में तीस साल, लंबा वक्त नहीं होता है. फिर भी लगता है कि हम बहुत जल्दी भूलने के आदी हो गये हैं. नतीजतन, बुरे वक्त को दोहराने की गलती करते रहते हैं. फिर वैसा ही माहौल बनाने की कोशिश हो रही है, जैसा तीस साल पहले बनाया गया था. वैसा ही...

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मिटाना होगा तीन तलाक का अभिशाप - कुलदीप नैयर

कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामिया की एक साप्ताहिक पत्रिका है - 'रेडियंस"। इसने अपने पहले पन्न्े पर एक लेख छापा, जो कहता है कि 'पहले तुम हमें अपना हिसाब दो।" साफ तौर पर यहां 'तुम" से आशय हिंदुओं से है। हिंदू पर्सनल लॉ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप के बाद अस्तित्व में आया था। विवाह जीवन भर के लिए पवित्र-बंधन होता था और किसी बीमार या नि:शक्त को...

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