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लॉकडाउन से पैदा आर्थिक संकट से बढ़ रहीं आत्महत्याएं

-कारवां, 22 जून को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के जगदीशपुर इलाके के रहने वाले 53 साल के रघुवीर सिंह ने आत्महत्या कर ली. सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “हमारे पास में 25000 रुपए की नकदी थी लेकिन लॉकडाउन के वक्त घर में खाली बैठे-बैठे वह खत्म हो गई. इसके बाद हम क्या करते? इस आर्थिक तंगी से परेशान होकर मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं.” सिंह के...

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प्रवासी मजदूरों के पास न खाना बचा है और न पैसे बचे हैं! घर पहुंचने के लिए तकलीफें उठाईं सो अलग..

इस महामारी काल में 5 जून को, विभिन्न सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के एक स्वयंसेवक समूह ‘स्ट्रान्डेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क’ ने अपनी तीसरी रिपोर्ट ‘टू लीव या नॉट टू लीव? लॉकडाउन, माइग्रेंट वर्कर्स एंड देयर जर्नीज् होम’ जारी की. इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन प्रवासी मजदूरों ने स्वान के स्वयंसेवकों को सहायता के लिए फोन किया (15 मई और 1 जून के बीच 821...

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चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 22,000 करोड़ बकाया, चालू पेराई सीजन में 48 लाख टन के निर्यात सौदे

-आउटलुक, पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है। हालांकि चालू पेराई सीजन में चीनी निर्यात पर अच्छी खबर है, तथा अभी तक करीब 48 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं। केंद्रीय खाद्य एव उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि चालू पेराई सीजन में किसानों के गन्ने...

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लोन देने में हिचक रहे हैँ बैंक

-इंडिया टूडे, रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद उद्यमियों को बैंकों से बिना सिक्योरिटी ऋण की सुविधा मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उद्यमियों का आरोप है कि बैंक अपने रिकार्ड बचाने के लिए ऋण देने के नियमों को नहीं मान रहे हैं. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व यूपी प्रेसीडेंड सुनील वत्स कहते हैं “आरबीआइ के निर्देशों के मुताबिक बैंकों को बिना गारंटी ऋण देने या सीसी लिमिट...

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मोदी जी, सुधार तो बाद की बात है, किसानों को कैश की जरूरत है

-द क्विंट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने पांच किस्तों में हमें उन ‘वित्तीय प्रोत्साहन’ और सुधारों का ब्यौरा दिया जिसकी घोषणा 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने की थी. तीसरी किश्त में निर्मला ने कृषि क्षेत्र की बात की और ऐतिहासिक सुधारों का ऐलान किया जैसे कि: 1) आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव कर कृषि सामग्री में छूट देना; 2) कृषि उत्पादन विपणन समित अधिनियम यानी APMC...

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