-कारवां, महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 6 अगस्त 2021 की रात 42 साल के एक किसान की कीटनाशक जहर से मौत हो गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विनोद मसराम चव्हाण अपनी कपास की फसल को घातक गुलाबी बॉलवर्म से बचाने के लिए कीटनाशक नुवाक्रॉन का छिड़काव करते समय उसके संपर्क में आ गए थे. कीटनाशक में मोनोक्रोटोफोस होता है जो एक जहरीला कंपाउंड है. यह अंतरराष्ट्रीय...
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भारत के कमजोर होते लोकतंत्र से गंभीर बनता दिल्ली का वायु प्रदूषण
-कारवां, जैसे-जैसे सर्दियां दस्तक देने लगी थीं, वैसे-वैसे दिल्ली का अपना ही जहरीली हवा का मौसम शुरू होने लगा था. यह जहरीली हवा का मौसम दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध के खुले उल्लंघन के कारण और विषाक्त हो जाता है. प्रेस और दिल्ली के लिबरल शहरियों का आक्रोश और लाचारी का सालाना अनुष्ठान भी इसी मौसम के साथ आरंभ हो जाता है. पर्यावरणविद सरकार की यदा-कदा होने वाली और अप्रभावी कार्रवाई...
More »पूंजीवाद और लोकतंत्र के ऐतिहासिक रिश्तों के आईने में संवैधानिक मूल्यों की परख
-जनपथ, प्रस्तुत लेख पॉपुलर एजुकेशन एंड ऐक्शन सेंटर (पीस), दिल्ली द्वारा बीते वर्ष अक्टूबर में संवैधानिक मूल्यों पर शुरू की गयी एक फैलोशिप के तहत चलाए गए अभिमुखीकरण सत्र में दिए गए पहले ऑनलाइन व्याख्यान का संपादित रूप है। पीस के मुख्य कार्यकारी और प्रशिक्षक अनिल चौधरी ने सामाजिक-आर्थिक न्याय, पत्रकारिता और कला व संस्कृति के फैलोज़ को इस व्याख्यान में संबोधित किया था। संपादक गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए...
More »क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य
-गांव सवेरा, लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं। एक नए प्रयोग के तहत 1921-1957 के दौरान जिला-स्तरीय डेटासेट को आधार बनाते हुए यह लेख इस बात की जाँच करता है कि भारत में किस...
More »बजट 2022-23: कैसा होना चाहिए महामारी के दौर में स्वास्थ्य बजट
-न्यूजक्लिक, विगत दो वर्षों से दुनिया महामारी का दंश झेल रही है। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश होने के कारण इस कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से चौतरफा संकटों से घिरा हुआ है। देश में सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संकटों ने यहां के नागरिकों को भविष्य के प्रति आशंकित कर रखा है। अभी भी महामारी का खतरा गया नहीं है और स्वस्थ्य की कई चुनौतियां लोगों के जीवन को प्रभावित...
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