आरती मंडलोई, इंदौर। शहरों के स्कूली बच्चों में कमजोरी, चिड़चिड़ापन और जल्दी थकने की समस्या बढ़ती जा रही है। सीबीएसई के निर्देश के बाद जब स्कूलों में बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया तो सामने आया कि ये सारी समस्याएं विटामिन डी की कमी के कारण हो रही है। तीन महीने पहले स्कूलों में किए गए हेल्थ चेकअप में भी बच्चों में विटामिन डी की कमी पाई गई थी। हाल...
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कुछ राज्य अंडा देने से क्यों मुकर रहे हैं? -- ज्यां द्रेज़
पिछले कुछ सालों से भारत के कई राज्यों ने स्कूलों या आंगनबाड़ी केंद्रों या फिर दोनों जगहों पर मिड डे मील में अंडा परोसना शुरू किया है. यह क़दम सामाजिक नीति के क्षेत्र में हुए बेहतरीन चीज़ों में एक है. भारतीय बच्चे दुनिया के सर्वाधिक कुपोषित बच्चों में शुमार हैं. उन्हें प्रोटीन, विटामिन, आयरन तथा अन्य ज़रूरी पोषक-तत्वों से भरपूर भोजन नहीं मिल पाता. रोज़ाना अंडा खाने से उन्हें पलने-बढ़ने और सोचने-समझने...
More »दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »वंचित भारत की कहानी- इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट की जुबानी
‘अतुल्य भारत' के भीतर एक वंचित भारत रहता है,दलित और आदिवासी समुदाय इसी वंचित भारत के वासी हैं। क्या इस वंचित भारत का निर्माण राज्यसत्ता के हाथों जीवन के लिए जरुरी बुनियादी सेवा-सामानों से लोगों को बेदखल करके हुआ है? जैसा कि नाम से ही जाहिर है,इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट 2013-14 का एक निष्कर्ष यह भी है! (कृपया देखें नीचे दिया गया रिपोर्ट की भूमिका की लिंक) मिसाल के लिए इन...
More »रायपुर जिले की 98 फीसदी किशोरियां कुपोषण का शिकार
दिलीप साहू, रायपुर। बच्चों में न्यूट्रिशियन की कमी को दूर करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों के लिए पोषण युक्त आहार वितरित किए जा रहे हैं। साथ ही पोषण की कमी को दूर करने के लिए जरूरी पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद जिले के 13.1 फीसदी किशोरियां बहुत...
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