इंदौर। राज्य सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे लाखों प्रयास के बाद भी ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इंदौर सहित प्रदेश के सभी जिलों में ऐसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए बनाई गई मॉनीटरिंग व एडवायजरी कमेटियां भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही हैं। यही वजह है कि अब इन कमेटियों पर नियंत्रण रखने के लिए एडवोकेसी...
More »SEARCH RESULT
लिंग परीक्षण पर नजर रखेगी तकनीक
इंदौर। लिंग परीक्षण कर बेटियों को गर्भ में ही मार देने वाले समाज के स्याह चेहरे को एक छोटी-सी तकनीक उजागर कर देगी। सोनोग्राफी मशीन में लगने वाला यह एक्टिव ट्रेकर डिवाइस हरेक गर्भवती की सोनोग्राफी की वीडियोग्राफी करेगा। यह रिपोर्ट उन सरकारी अफसरों तक अपने-आप पहुंचेगी जिन्हें लिंग परीक्षण पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि सोनोग्राफी सेंटर संचालक ने डिवाइस से जरा भी छेड़छाड़ की तो...
More »चुनावी घोषणापत्रों में नजरंदाज होते बच्चे - क्षमा शर्मा
कई साल पहले दुनिया के बच्चों की स्थिति का आकलन करते हुए यूनिसेफ ने कहा था कि बच्चे वोट नहीं दे सकते, इसलिए कोई उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। अब जब आम चुनाव सामने है, तो इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। सारे दल दलितों, महिलाओं, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए लगभग हर रोज कुछ-न-कुछ कह रहे हैं, मगर वे बच्चों और किशोरों को भूल गए हैं।...
More »भय पैदा करने वाला समाज- सुभाषिनी अली
नवंबर और दिसंबर के महीनों में शामली, मेरठ और मुजफ्फरनगर में महिलाओं की बड़ी सभाएं आयोजित की गईं। यह काफी आश्चर्यजनक बात है, क्योंकि, खासतौर से ऐसे इलाकों में, महिलाएं सभाओं में बड़ी मुश्किल से जा पाती हैं। उनके घरवाले इन सभाओं से घबराते हैं कि कहीं इनमें आने-जाने की आदत पड़ गई और औरतों को अपनी समान समस्याओं पर अधिक और आपस के भेद पर कम ध्यान जाने लगा,...
More »न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय
जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...
More »