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ऊंची आर्थिक वृद्धि दर के बाद भी रोज़गार देने में राष्ट्रीय औसत से पीछे रहे 12 बड़े राज्य: रिपोर्ट

मुंबई: वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर से अधिक तेजी से वृद्धि करने वाले 12 बड़े राज्य इसका फायदा रोजगार सृजन में नहीं उठा सके हैं. क्रिसिल (सीआरआईएसआईएल) की एक रिपोर्ट के अनुसार इन राज्यों की जीडीपी में वृद्धि मुख्यत: ऐसे क्षेत्रों में हुई है जिनमें रोजगार के कम अवसर होते हैं. क्रिसिल की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब सेंटर फॉर...

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रोज़गार के मौके बढ़े हैं लेकिन आंकड़ों का सही हिसाब नहीं लग पा रहा: पीयूष गोयल

मुंबई: रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में नौकरियों की मांग और आपूर्ति के बीच एक अंतर है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर कौशल विकास और मजबूत आंकड़ों की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्री भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ रोजगार सृजन पर चर्चा कर रहे थे. सीआईआई के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘हम उपलब्ध डेटा और वास्तविक स्थिति के बीच अंतर को समझने के लिए उद्योग जगत...

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मनरेगा फंड में कमी: 250 सांसदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र

नई दिल्ली: ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में कोष की कमी के बारे में चिंता जाहिर करते हुए सांसदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत 250 लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में 250 लोगों के हस्ताक्षर हैं और इसके माध्यम से प्रधानमंत्री से इस योजना को मजबूत करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम करने का आग्रह किया गया है. पत्र लिखने...

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मनरेगा: चार सालों में रोजगार देने में त्रिपुरा सबसे अव्वल, यूपी-बिहार बहुत पीछे

यूपी-बिहार और पंजाब-हरियाणा जैसे कई राज्यों को मनरेगा के कारगर क्रियान्वयन के मामले में त्रिपुरा से सबक लेने की जरुरत है. त्रिपुरा में बीते चार सालों (2014-15 से 2017-18) में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण मजदूरों को औसतन लगभग 75 दिनों का रोजगार मिला जबकि इस अवधि में योजना के अंतर्गत रोजगार का अखिल भारतीय औसत महज 45.2 दिनों का रहा.   रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट के नये आंकड़े संकेत करते...

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हमारा समय, शिक्षा और भाषा-- परिचय दास

जिस देश में प्राथमिक शिक्षा ही सामान्य जन के लिए कठिन हो, वहां उच्च शिक्षा विशिष्ट मामला है. शिक्षा हमारे सर्वांगीण विकास का हेतु है. शिक्षा में ऐसी गुंजाइश होनी चाहिए कि व्यक्ति का सामाजिक व सांस्कृतिक जुड़ाव बेहद सक्रिय हो. वह समाज का टापू न लगे. यदि टापू भी हो तो सृजनशीलता का मन लिये हो, जिसमें कॉमन मैन भी बसा हो! मानविकी के विषयों में संवेदन, तर्कशक्ति, प्रेक्षण,...

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