हर खेत को पानी मिले, बेशक यह सोच नेक है लेकिन इस नेक सोच को एक कारगर नीति में कैसे बदलें ? राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सभागार में बीते 27 अगस्त को आयोजित नेशनल वाटर कांफ्रेंस में इस मसले पर कई जरुरी सवाल सामने आये. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, योजना आयोग के पूर्व सदस्य मिहिर शाह, केंद्रीय जल आयोग तथा नीति आयोग के सदस्यों समेत देश की...
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प्रभात खबर से खास बातचीत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, किसानों से किये गये सभी वायदे हुए हैं पूरे
छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद, जनसंघ काल में ही राजनीति से जुड़े आरएसएस के स्वयंसेवक राधा मोहन सिंह बिहार के पूर्वी चंपारण से पांच बार सांसद चुने गये हैं. वह भाजपा के संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में लक्ष्य तय करने, देश में मौजूदा समय में कृषि के समक्ष चुनौतियों, किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषि से जुड़े...
More »किसानी से डरने वाला समाज-- मृणाल पांडे
आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
More »गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है भारत, प्रति वर्ष हो रही दो लाख की मौत
नयी दिल्ली : नीति आयोग ने कल जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत गंभीर जलसंकट से गुजर रहा है, स्थिति यह है कि लाखों लोगों की जिंदगी और उनके आजीविका पर संकट बना हुआ है. स्थिति यह है कि 600 मिलियन लोग गंभीर जलसंकट का सामना कर रहे हैं और 200,000 लोगों की प्रतिवर्ष शुद्ध जल के अभाव में मृत्यु हो जाती है. जल के उचित प्रबंधन और उपयोग...
More »नहीं थम रहा सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला
शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...
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