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पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं

भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...

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झाबुआ में 17 महीने की बच्ची का वजन 4.5 किलो, होना चाहिए 11 किलो

अहद खान, झाबुआ। ग्राम खेड़ा की 17 महीने की वर्षा को भर्ती जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। उसका वजन सिर्फ साढ़े 4 किलोग्राम है। वो अति कुपोषित बच्चों की श्रेणी में है। सामान्यत: इस उम्र में बच्चे का वजन 11 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए।   आश्चर्य की बात ये है कि इस उम्र तक आने तक महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की नजर उस पर नहीं पड़ी।...

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यूपी सहित देश के 5 राज्यों में जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामले सबसे ज्यादा

क्या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से अनजान थे कि गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्चे बड़ी संख्या में मौत के शिकार हो सकते हैं ? नहीं.. यूपी के कुछ जिलों में बच्चों की जानलेवा बीमारी बनकर उभरे जापानी इंसेफ्लाइटिस बीमारी और उसकी गंभीरता के बारे में अनजान होने का दावा योगी आदित्यनाथ नहीं कर सकते ! आधिकारिक तौर पर उन्हें कम से कम तीन साल पहले...

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स्मार्ट कार्ड से बाहर हो सकते हैं सरकारी कर्मचारी और आयकरदाता

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने स्मार्ट कार्ड योजना से सरकारी कर्मचारी, ईएसआईसी (राज्य कर्मचारी बीमा निगम) में पंजीकृत कर्मी समेत आयकर के दायरे में आने वाले कार्ड होल्डर को बाहर करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राज्य इकाई ने भी इसकी वकालत की है। इससे सरकार पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कम होगा। बीपीएल परिवारों के लिए केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) जब...

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जनसंख्या नियंत्रण की चुनौती-- बालमुकुंद ओझा

आज विश्व की जनसंख्या सात अरब से ज्यादा है। अकेले भारत की जनसंख्या सवा अरब से अधिक है। भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या तैंतीस करोड़ थी, जो आज चार गुना तक बढ़ गई है। परिवार नियोजन के कमजोर तरीकों, अशिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव, अंधविश्वास और विकासात्मक असंतुलन के चलते आबादी तेजी से बढ़ी है। संभावना है...

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