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खाद की कमी से बुंदेलखंड में अब तक तीन किसानों की गई जान, सरकार ने कहा- उपलब्ध है पर्याप्त खाद

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में डीएपी और एनपीके के चक्कर में तीन किसानों की जान जा चुकी है। दो किसानों की मौत खाद के लिए लाइन में लगने के दौरान बीमार होने से हुई जबकि एक किसान ने फांसी लगा ली। 18-19 तारीख की बारिश के बाद से हजारों किसानों की भीड़ सरकारी और निजी दुकानदारों के सामने उमड़ रही है। 36 साल के महेश बुनकर खाद के लिए...

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बिहार का बदलता मौसम कैसे मक्के की खेती को तबाह कर रहा है

-बीबीसी, बिहार के पूर्णिया ज़िले को मिनी दार्जिलिंग कहा जाता है, लेकिन इन दिनों यहां मौसम कुछ ज़्यादा ही बेईमान दिख रहा है और इससे किसान बेहाल हैं. सीमांचल के दूसरे ज़िलों की तरह ही असमान और बेमौसम बारिश और आंधी तूफ़ान किसानों के साथ-साथ आम लोगों के जीवन को भी तबाह कर रहे हैं. शहर की सड़कों से लेकर गांव में खेतों तक पानी जमा है. कैलाश यादव अपने बड़े से...

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क्या किसान आंदोलन को ‘आहत भावनाओं’ की सियासत कर कमज़ोर करने की कोशिश चल रही है

-द वायर, धार्मिक ग्रंथ की ‘बेअदबी’ के नाम पर सिंघू बॉर्डर पर हुई दलित सिख लखबीर सिंह की हत्या को लेकर ढेर सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं. पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने मृतक लखबीर सिंह पर धारा 295 के तहत ‘बेअदबी’ का मामला भी दर्ज किया है, किसी विडियो क्लिप के वायरल होने की बात भी चल रही है, जहां घायल लखबीर किसी को बता रहा है कि उसे तीस हजार रुपये दिए गए थे-...

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गन्ने और धान की राजनीतिक अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश के 2022 विधान सभा चुनावों के लिए अहम

-रूरल वॉइस, साल 2022 में उत्तर प्रदेश होने विधान सभा चुनावों के लिए पांच महीने से भी कम समय बचा है। राष्ट्रीय राजनीति को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले राज्य  उत्तर प्रदेश के सिंहासन के लिए राजनीतिक दलों ने बड़ी लड़ाई के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है । चुनाव के पहले अभी से ही राज्य में राजनीतिक महौल चुनाव गतिविधियों से भर गया है। किसान नेता केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ...

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क्या हमारे देश के किसान अपनी उपज एपीएमसी मंडियों में ही बेचते हैं?

जब तीन कृषि कानूनों में से एक, यानी कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 (द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020) को पिछले साल अधिनियमित किया गया था, तो इसके समर्थकों द्वारा यह तर्क दिया गया था कि कानून फसल कटाई के बाद किसानों को अपनी उपज (और व्यापारियों को उस उपज को खरीदने के लिए) को कृषि उपज मंडी समिति-एपीएमसी मंडियों...

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