रांची [सुनील कुमार झा]। महंगाई की मार से बच्चों का बस्ता भी नहीं बच पाया। गत वर्ष की तुलना में किताबों की कीमत में एक दो नहीं बल्कि दस से पंद्रह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कागज व डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी का असर किताबों की कीमत पर भी पड़ा है। रीएडमिशन, डेवलपमेंट फंड, बिल्डिंग फंड समेत कई तरह के अतिरिक्त शुल्क से पहले से ही परेशान अभिभावकों की किताब-कापी की बढ़ी...
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दूध की किल्लत से निपटने के लिए सरकार लेगी आयात का सहारा
नई दिल्ली : सरकार देश में दूध और उसके उत्पादों की कमी को देखते हुए स्किम्ड मिल्क पाउडर और बटर ऑयल के आयात को मंजूरी देने पर विचार कर रही है। एक सरकारी ...
More »बिहार की चमत्कारिक आर्थिक वृद्धि- मिथक या यथार्थ
क्या यह बात सच है कि विकास के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को महज चार सालों में गुजरात के करीब पहुंचा दिया है। समाचारों की माने तो सचमुच ऐसा ही है( देखें नीचे दी गई लिंक) लेकिन आंकड़ों का विश्लेषण ऐसा कहने से इनकार करता है। बिहार की आर्थिक प्रगति के अर्धसत्य को परोसने के लिए समाचारों में आधार बनाया गया है केंद्रीय सांख्यिकी एवम् कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय...
More »जब शौच से उपजे सोना
जब कोई युवा पढ़ाई- लिखाई करके शहरों की ओर भागने की बजाय अपनी शिक्षा और नई सोच का उपयोग अपने गाँव, ज़मीन, अपने खेतों में करने लगे तो बदलाव की एक नई कहानी लिखने लगता है, ऐसे युवा यदि सरकार और संस्थाओं से सहयोग पा जाएं तो निश्चित ही क्रान्तिकारी परिवर्तन ला देते हैं। ऐसी ही एक कहानी है ‘जब शौच से उपजे सोना’ की और कहानी के नायक हैं युवा किसान श्याम मोहन त्यागी...... आर के...
More »मुरैना का गुलाब इत्र बना रहा अपनी पहचान
मुरैना। चंबल के बीहड में बसे मुरैना में गुलाब से इत्र बनाने का कारोबार पहली बार शुरु हुआ है। यहां से गुलाब के इत्र की देश के कई हिस्सों में आपूर्ति की जा रही है। सोलहवीं शताब्दी में नूरजहा (मेहरुन्निसां) ने गुलाब से इत्र बनाने की विधि ईजाद की थी तब किसी ने भी नही सोचा होगा कि यह फन एक दिन चंबल की शुष्क घाटियों में व्यावसायिक रूप धारण कर लेगा। यूं...
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