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सीमा के प्रहरी बनना चाहते हैं गुमला के असुर-- दुर्जय पासवान

आमतौर पर जंगल में रहनेवाले आिदम जनजाति के लोग शहरों में जाना पसंद नहीं करते. इसलिए सदियों तक शिक्षा से दूर रहे. शहरी समाज से खुद को अलग-थलग रखा. लेकिन, धीरे-धीरे ये लोग अब मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं. गुमला के िबशुनपुर प्रखंड से 45 किमी दूर पोलपोट पाट गांव में बसनेवाले असुर जाति के युवा देश की सीमा के सुरक्षा प्रहरी बनना चाहते हैं और इसके लिए जी-तोड़ मेहनत...

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जरूरी है किसानों की आय बढ़ाना --- देविन्दर शर्मा

भारत के 17 राज्यों में खेती से एक किसान की औसत आय 20 हजार रुपये सालाना है. इसमें उत्पादन का वह अंश भी शामिल है जिसे वह पारिवारिक उपभोग के लिए रखता है. दूसरे शब्दों में, इन राज्यों में किसान की औसत मासिक आय महज 1,666 रुपये है. जी हां, आपने सही पढ़ा. महज 1,666 रुपये. इस तस्वीर में आप खुद को रख कर देखें. अगर आप किसान होते और...

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बजट 2016 : गांवों के कायाकल्प की कोशिश

भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी के साथ कृषि संकट का भारी दबाव है. ऐसी स्थिति में आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देकर सरकार की दूरदर्शिता और प्राथमिकता को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है. औद्योगिक उत्पादन और घरेलू मांग में बढ़ोतरी के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना बहुत जरूरी है. इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने...

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दिशा तो सही लेकिन कुछ जरूरी बातों की अनदेखी - डॉ. भरत झुनझुनवाला

बजट में कई अच्छी घोषणाएं की गई हैं जैसे ग्रामीण विद्युतीकरण एवं सड़कों में निवेश में वृद्धि, गरीबों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना, जिले स्तर पर डायलिसिस की व्यवस्था करना, नए कर्मियों के लिए कंपनियों को प्रॉविडेंट फंड में अनुदान देना, हाईवे, रेल, पोर्ट एवं एयरपोर्ट में निवेश बढ़ाना इत्यादि। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में छूट दी है, जबकि एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है। यह कदम सही दिशा...

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शिक्षकों के गले में लटके पत्थर जैसा एमडीएम

मध्याह्न भोजन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के गले में लटका एक बड़ा पत्थर है. न तो इन शिक्षकों को इसकी व्यवस्था का प्रशिक्षण है, ना ही अधिकतर शिक्षकों की इसमें कोई रुचि है. अन्य सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं में जहां भी भोजन पकाने-परोसने की व्यवस्था है, वहां यह व्यवस्था इस कार्य के लिए प्रशिक्षित लोगों के हाथ में हैं, परंतु इससे भी कठिन काम सरकार...

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