मुंबई। राज्य सरकार ने किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार इन किसानों को अध्ययन के लिए विदेश भेजने में आने वाले खर्च के कुछ हिस्से का भुगतान अपने पास से करेगी। साल की शुरुआत में 172 किसानों का दल महाराष्ट्र से यूरोप गया था। अम्सटर्डम में उन्होंने डेयरियों में पनीर उत्पादन यूनिटों में काम देखा और फिर जर्मनी में सौर...
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समूचा झारखंड बुधनी है, पर वह कहां है किसी को पता नहीं!- अश्विनी कुमार पंकज
बारह वर्षों के झारखंड में आज अगर हूल की प्रासंगिकता समझनी हो तो बुधनी को जानना जरूरी है। हालांकि सांस्कृतिक अतिक्रमण और हमले से गुजर रहे आज के झारखंड में अब ‘बुधनी’ जैसे ठेठ आदिवासी नाम नहीं मिलते हैं फिर भी रजनी, रोजालिया, रजिया जैसे नामों वाली आदिवासी स्त्रियां रोज ‘बुधनी’ बनने के लिए अभिशप्त हैं। कौन है यह बुधनी और ‘हूल’ के संदर्भ में उसकी चर्चा क्यों जरूरी है?...
More »मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
More »नहीं है मजबूत आधार, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मुश्किल- अमिताभ पराशर की रिपोर्ट
नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए को समर्थन देने के एवज में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जुड़ी खबरों का भले ही कोई आधार न हो, लेकिन बिहार के लिए इसकी राह आसान नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को बिहार की वार्षिक योजना राशि पर चर्चा करने के लिए योजना आयोग की बैठक में पहुंच रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
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