जयपुर। झालाना क्षेत्र में दूषित पानी के कारण बच्चों-महिलाओं समेत कई लोगों के बीमार होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी दो दर्जन लोगों के उल्टी-दस्त व पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पतालों में इलाज करवाया। वहीं दूसरे दिन भी जलदाय विभाग को दूषित पानी का कारण बना लीकेज पाइप लाइनों में नहीं मिला। चिकित्सा विभाग की ओर से भी मरीजों के इलाज के लिए टीम लगाई गई है। सोमवार को...
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गर्मी में जल संकट से परेशान है आधा प्रदेश
जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है। आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77...
More »आबादी बढ़ी, सिमटता गया योजनाओं का दायरा
सीकर. सीकर जिले की आबादी हर साल दो लाख 67 हजार तो बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती आबादी के बीच जिन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत हैं, वो आज भी नहीं मिल पाई है। बात चाहे सड़क की हो, पेयजल निकासी की या फिर पार्किग व स्ट्रीटलाइट की। यह स्थिति हमें इसलिए भी सोचने पर मजबूर कर रही है कि हर जेब में मोबाइल, घरों में टीवी, फ्रिज और वाहन की सुविधा लगातार...
More »जहां बरसता है बादल, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग-विजय मनोहर तिवारी
चेरापूंजी में सबसे ज्यादा बारिश होती है। फिर भी यहां पीने के पानी का संकट है। इसलिए क्योंकि लोगों की घरों में पानी बचाकर रखने की आदत नहीं है। यहां पहाड़ ही पानी का जरिया हैं। बहती धाराओं के नीचे बनाए गए कुंड या इनके नीचे खासतौर पर रखी टंकियों में पानी जमा होता है। फिर पीवीसी पाइपों से सीधे घरों में पहुंचता है। स्थानीय निवासी 50 वर्षीय केनी का सवाल...
More »सूख गये सब ताल-तलैया, दगा दे रहा चापाकल
उजियारपुर। 'यहां तक आते-जाते सूख जाती है कई नदियां, हमें मालूम है कि पानी कहां ठहरा होगा।' कवि दुष्यन्त की यह पंक्ति प्रखंड में बढ़ रहे जलसंकट और गिरते जलस्तर पर मुरीद बैठता है। प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सूख रहे चापाकल, तालाब व नदियों को देखकर भीषण पेयजल का संकट उत्पन्न शुरू हो गया है। चांदचौर शंकर चौक की हालात इतने बदतर हैं कि एक मात्र तारापंप से पांच...
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