यी दिल्ली: वैश्विक शोध संस्था आईएफपीआरआई ने आज कहा कि एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे सामान्य से काफी कम वजन के हैं हालांकि भारत ने कुपोषण से लडने की दिशा में प्रगति की है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान :आईएफपीआरआई: ने यह सुझाव भी दिया है कि भारत की केंद्र और राज्य सरकारों को इन निराशाजनक आंकडों से लडने के लिए भूख से निपटने...
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पहले मन साफ कीजिए, फिर सड़क- हर्षमंदर
इन दिनों देश में साफ-सफाई को लेकर एक बड़े सामाजिक आंदोलन की गहरी कसक दिखाई पड़ रही है। गांधी के नाम को याद किया जाने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़कर स्वच्छता अभियान की अगुवाई की। उनके मंत्रियों और अधिकारियों ने कैमरों के आगे झाड़ू पकड़े। कॉलेज और स्कूलों के बच्चों ने गंदगी के खिलाफ और अपने आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखने की शपथ ली। इसके पहले प्रधानमंत्री ने...
More »आज भी मजबूर हैं बच्चे
बाल श्रम के क्षेत्र में काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार मिलना देश के लिए गौरव की बात है। पर यह सवाल आज भी उतनी ही शिद्दत से हमारे सामने है कि कब हमारे देश से बाल श्रमिकों का उन्मूलन होगा। हाल ही में राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक चूड़ी कारखाने से बिहार के 140 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। यह बताता है कि बाल...
More »कहां है कबीर अंत्येष्टि योजना : सुकनी देवी को नहीं मिल सका कफन
बंदरा (मुजफ्फरपुर): रामपुरदयाल गांव की महादलित सुकनी देवी को दो गज कफन भी नसीब नहीं हुआ. बिना कफन ही उसे गड्ढा खोद कर दफना दिया गया. कफन के लिए सुकनी की बहू लीला देवी ने उन सभी लोगों का 24 घंटे तक चक्कर लगाया, जिनसे मदद की उम्मीद थी. इनमें मुखिया फेंकूराम से लेकर बीडीओ पूजा कुमारी तक शामिल हैं. मुखिया ने यह कहते हुए कबीर अंत्येष्टि योजना की रकम देने...
More »मनरेगा - क्या जीविका के अधिकार को सीमित किया जा सकता है?
राजनीति का सामान्य विद्यार्थी जानता है कि अधिकार अपने स्वभाव में सार्विक होते हैं। लेकिन क्या वह यह अनुमान लगा सकता है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कोई सरकार अपने बहुमत के बूते किसी सार्विक अधिकार का दायरा चंद लोगों तक सीमित कर सकती है ? महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल की केंद्र सरकार की हालिया योजना जीविका के सार्विक अधिकार का दायरा सीमित करने की...
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