कांग्र्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक सरल कर के रूप में जीएसटी की जो परिकल्पना की थी, उसका मकसद देश में केवल एकसमान टैक्स लागू करना ही नहीं, बल्कि उसकी दरें भी कम करना था। इससे कर ढांचा सरल होने के साथ ही महंगाई में भी खासी कमी आती। 2011 में कांग्र्रेस सरकार ने 115वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए जो जीएसटी विधेयक पेश किया था, वह न...
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पहाड़ी कोरवाओं की बेंवर--- खेती बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन यहां ऐसे समुदाय भी हैं, जो धान की खेती नहीं करते। उनमें से एक समुदाय है पहाड़ी कोरवा। पहाड़ी कोरवा उन आदिम जनजाति में एक है जिनका जीवन पहाड़ों व जंगलों पर निर्भर है। यह आदिवासी पहाड़ों पर ही रहते हैं और इसलिए इन्हें पहाड़ी कोरवा कहते हैं। ये लोग बेंवर खेती करते हैं जिसमें सभी तरह के अनाज एक...
More »धमतरी जिले में कर्ज में डूबे किसान ने की खुदकुशी
धमतरी/भखारा। कर्ज के बोझ से दबे धमतरी जिले के एक और किसान संतराम हिरवानी (52) ने बुधवार को फांसी लगा ली। इससे पूर्व 26 जून को कुरुद ब्लॉक के ग्राम बगदेही के किसान चंद्रहास हिरवानी ने खुदकुशी कर ली थी। जिला मुख्यालय से करीब 23 किमी दूर भखारा के अमलीडीह निवासी संतराम के चार बेटियों की शादी हो चुकी है। बेटा रायपुर में किसी दवा कंपनी में काम करता है। बुधवार...
More »किसानी का तीर्थ बनता तिउसा गांव --- बाबा मायाराम
महाराष्ट्र का एक गांव है तिउसा। यवतमाल से सोलह किलोमीटर दूर। यह गांव किसानों के लिए तीर्थ बन गया है। तीर्थ जहां कुछ अच्छाई है, किसान जहां अपना भविष्य देख रहे हैं। यहां बड़ी संख्या में किसान आ रहे हैं। खेती-किसानी की बारीकियां सीख रहे हैं। यहां के प्रयोगधर्मी किसान सुभाष शर्मा कई मायने में अनूठी खेती कर रहे हैं, जिसे वे सजीव खेती कहते हैं। हाल ही मैं अपने कुछ...
More »कृषि को लाभकारी बनाना अपरिहार्य-- विवेक त्रिपाठी
भारत में किसान को अन्नदाता की उपाधि दी गई। पर आज वह निराश नजर आ रहा है। कृषि उपज का वाजिब मूल्य न मिलने से वह परेशान है। किसान को कर्ज लेना पड़ रहा है। वही उसके लिए जानलेवा साबित होता जा रहा है। किसानों की आत्महत्याओं में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। भारत में किसान आत्महत्या 1990 के बाद पैदा हुई स्थिति है, जिसमें प्रतिवर्ष दस हजार से...
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