नई दिल्ली, [प्रणय उपाध्याय]। जलवायु परिवर्तन पर फिक्रमंद दुनिया के अमीर मुल्कों के नेता कुछ नतीजा दे पाएंगे इस पर उनकी अपनी ही जनता को भरोसा कम है। हालाकि भारत, ब्राजील और चीन जैसे विकासशील देशों के लोगों ने धरती की तपन कम करने के उपाय खोजने के लिए हो रही इस बातचीत को लेकर अब भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। जलवायु परिवर्तन से मुकाबले की तैयारियों को...
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जलवायु परिवर्तन पर होगा मंथन
शिमला : पर्वतीय राज्यों में हो रहे जलवायु परिवर्तन, तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर और इस कारण लोगों के जीवन पर हो रहे दुष्प्रभाव से कैसे निपटा जाए, इस पर मंथन को छह पहाड़ी राज्यों के मुख्यमंत्री शिमला में जुटेंगे। 29 व 30 अक्टूबर को हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के मुख्यमंत्री इस समस्या का समाधान तलाशने का भी प्रयास करेंगे। इससे निपटने के लिए संयुक्त...
More »राजस्थान -- सोशल ऑडिट में भागीदारी का अनोखा अवसर
आंध्रप्रदेश के अनुभवों से सीख लेते हुए राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(नरेगा) को प्रभावकारी तरीके से लागू करने और उसपर कारगर नियंत्रण रखने के लिए सोशल ऑडिट को संस्थायी रुप देने का फैसला किया है। अशोक गहलोत नीत सरकार की प्रतिबद्धताओं में सोशल ऑडिट का या निदेशालय बनाना भी शामिल है ताकि नरेगा से जुड़ी जनसुनवाई का काम नियमित रुप से हो सके और जनसुनवाई के निष्कर्षों...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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