बच्चे जलवायु-परिवर्तन के जिम्मेदार तो नहीं हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे गहरी चोट उन्हीं को लगेगी। जलवायु-परिवर्तन से बच्चों की जिन्दगी को सबसे ज्यादा खतरा है।बाल अधिकारों की वैश्विक संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जारी फीलिंग द हीट-चाइल्ड सरवाईवल इन चेजिंग क्लाइमेट नामक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों की सेहत को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है।(देखें नीचे दी गई लिंक) रिपोर्ट...
More »SEARCH RESULT
हजारों वर्गफुट में फैला मलबा बना चुनौती
कोरबा. बालको के निर्माणाधीन पॉवर प्लांट की चिमनी गिरने की यह अपने तरह की पहली घटना है। इस बड़ी औद्योगिक दुर्घटना में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की पोल भी खोलकर रख दी है। चिमनी गिरने के बाद संयंत्र परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मजदूर अपने साथियों को तलाशते हुए बदहवास थे। यह सही है कि हादसा बड़ा है मगर उसके बाद राहत और आपदा प्रबंधन ने जो व्यवस्था की जानी...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »ईरान में भारतीय बासमती के खिलाफ दुष्प्रचार
नई दिल्ली- देश के 13,000 करोड़ रुपए के बासमती निर्यात उद्योग की राह से रोड़े हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। बासमती निर्यातकों ने हाल में ही निर्यात नियमों ढील के लिए सरकार से लड़ाई जीती है। इसके तहत न्यूनतम निर्यात कीमत (एमईपी) को 1,100 डॉलर प्रति टन से घटाकर 900 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है, लेकिन 1 अक्टूबर को नए सीजन की शुरुआत से पहले ही...
More »कुपोषण-मछरी जल बीच मरत पियासी
कुपोषण के बारे में अक्सर मान लिया जाता है कि यह तो गरीब राज्यों का लक्षण है और अपेक्षाकृत समृद्ध राज्य कुपोषण को मिटाने की राह पर हैं। लेकिन सच्चाई इसके उलट है। कुपोषण की शिकार महिलाओं और औसत से कम वजन के बच्चों की एक बड़ी तादाद धनी माने जाने वाले राज्यों में मौजूद है और ध्यान रहे कि इन दोनों को मानव-विकास के निर्देशांक में बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता...
More »