शहरीकरण को लेकर सरकार का नजरिया यह है कि इस पर सियापा करने के बजाय इसे मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। उसके मुताबिक शहरों में गरीबी दूर करने की ताकत होती है और हमें इस ताकत को और आगे बढ़ाना चाहिए ताकि आर्थिक समृद्धि का स्वत: प्रसार हो। सुख-सुविधाओं की मौजूदगी के चलते शहर सदा से मनुष्य के आकर्षण के केंद्र रहे हैं। आज की तारीख में तो ये...
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छत्तीसगढ़-- प्रदेश के खनिज जिलों को मिलेंगे 1100 करोड़ रुपए
रायपुर। देश की नई राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति सोमवार को राजधानी रायपुर में लांच की गई। इसके साथ ही दो दिवसीय राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी शुरु हो गई है। इस कार्यक्रम के पहले दिन केंद्रीय खान एवं इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय खान राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय सचिव बलविंदर सिंह सहित माइनिंग कारोबार से जुड़े देश भर के 700 उद्योगपति व...
More »माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज
इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...
More »सीताफल के पल्प से मिठाई, छिलके से खाद और बीज से बनेगा शैंपू
धार। ब्यूरो। कृषि विज्ञान केंद्र आदिवासी अंचल के लोगों को सीताफल के उत्पादन के मामले में उद्योग से जोड़ने की कोशिश में है। सीताफल का जब अधिक उत्पादन होता है तो वह औने-पौने दाम में बिक जाता है। ऐसे में अब शहरों में आईसक्रीम, सीताफल शेक और कई मिठाइयों के लिए उसका पल्प तैयार करने की इकाई स्थापित करवाई जाएगी। इतना ही नहीं सीताफल के छिलके को खाद के तौर पर...
More »विसंगति से संकट विश्वास का- अनिल रघुराज
जब इनसान नर्वस होता है, तो उसकी घिग्घी बंध जाती है. लेकिन सरकार जब नर्वस होती है, तो कुछ ज्यादा ही वाचाल हो जाती है. मोदी सरकार का फिलहाल यही हाल है. कार्यकाल के तीन साल बाकी हैं. लेकिन दो साल पूरा करने पर ऐसा डंका बजाया जा रहा है, मानो यज्ञ की पूर्णाहुति होनेवाली हो. हर सरकारी वेबसाइट खोलते ही विज्ञापन आ जाता है- मेरा देश बदल रहा है,...
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