फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाईजेशन (एफएओ) द्वारा जून महीने में प्रकाशित द फूड आऊटलुक में कहा गया है कि साल २०१०-११ में दुनिया में अनाज का उत्पादन २२७९.५ मिलियन टन होने की संभावना है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड बढत है। पिछले साल २२५३.१ मिलियन टन अनाज उत्पादन हुआ था और इसकी तुलना में साल २०१०-११ का उत्पादन १.२ फीसदी ज्यादा है। एफएओ के मुताबिक अनाज के उत्पादन में...
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इस बार भी घोंघा खाने की मजबूरी
मुजफ्फरपुर [जागरण टीम]। उत्तर बिहार में बाढ़ हर साल भूख और कुपोषण की पीड़ा लेकर आती है, लोग दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं, इस बार भी यही तमाशा दिखने वाला है। मधुबनी व दरभंगा के कोसी पीड़ित इस बार भी पानी के 'फल-फूल' यानी भेंठ, सारूख, कमलगोट्टा के साथ मछली, केकड़ा, कछुआ, घोंघा और सितुआ को ही आग में भूनकर खाने को विवश होंगे। तीन माह तक अन्न के दाने से वंचित रहने...
More »महाजनों और बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों के खिलाफ अनाज बैंक
आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा गांव अब पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है। खास बात यह है कि यह ३४ महिला किसानों की एक पहल है। इन किसानों ने एक अनाज बैंक बनाया है, जो अपने-आप में एक अनूठा उदाहरण है। यह पहल यह साबित करती है कि अगर परंपरागत ज्ञान को ठीक से प्रोत्साहित किया जाए, तो उससे गरीब लोगों की आजीविका के लिए टिकाऊ ज़रिए विकसित...
More »पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र में सबसे कम वृद्धि
नई दिल्ली। सूखे के कारण देश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2009-2010 में 0.2 प्रतिशत की रही है, जो पिछले पांच साल में वृद्धि दर का सबसे कम आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2008-09 में कृषि एवं सहायक क्षेत्रों की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बेशक कम रही हो, लेकिन केंद्रीय सांख्यिकी संगठन [सीएसओ] के पहले के अनुमान के मुकाबले में यह अधिक रही है। सीएसओ...
More »रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
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